प्रयागराज: मस्जिदों में छिपे 16 विदेशी समेत 30 गिरफ्तार, मददगार प्रोफेसर भी धरा गया
नई दिल्ली- प्रयागराज में लॉकडाउन का उल्लंघन कर कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में कुछ मस्जिदों में छिपे 30 लोगों को गिरप्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में 16 विदेशी नागरिक हैं, बाकी 14 भारतीय हैं। पकड़े के 30 लोगों में से सभी विदेशियों समेत 19 लोगों का तबलीगी जमात से कनेक्शन जुड़ा हुआ। इन सबकी आज ही अदालत में पेशी की जाएगी। सभी विदेशी नागरिकों को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर ने छिपाकर रखा था। पुलिस ने उसे प्रोफेसर को भी गिरफ्तार कर लिया है। (तस्वीर प्रतीकात्मक)
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प्रोफेसर
ने
छिपाकर
रखा
था
जानकारी
के
मुताबिक
इन
सभी
आरोपियों
को
पिछले
31
मार्च
को
ही
लॉकडाउन
का
उल्लंघन
करते
हुए
पाया
गया
था,
लेकिन
इन
लोगों
में
एक
कोरोना
पॉजिटिव
मिला
था।
इसके
बाद
पुलिस
ने
इन
सबको
आइसोलेशन
में
भेज
दिया।
इन
सबको
शहर
के
3
थाना
क्षेत्रों
की
मस्जिदों
से
पकड़ा
गया
था।
लेकिन,
जब
इन
सबका
क्वारंटीन
पूरा
हो
गया
तो
इन्हें
गिरफ्तार
किया
गया
है।
आरोप
है
कि
इलाहाबाद
यूनिवर्सिटी
के
एक
प्रोफेसर
मोहम्मद
शाहिद
ने
इन
सबको
कानून
से
छिपा
कर
रखा
था
और
उनकी
गैर-कानूनी
मदद
की।
इन
सबको
विदेशी
नागरिकों
से
जुड़े
कानून
और
साजिश
रचने
के
आरोपों
में
भी
गिरफ्तार
किया
गया
है।
पकड़े
गए
विदेशियों
में
से
7
इंडोनिशियाई
और
9
थाईलैंड
के
नागरिक
हैं।
इनके
अलावा
एक-एक
शख्स
केरल
और
पश्चिम
बंगाल
का
रहने
वाला
भी
बताया
जा
रहा
है।
प्रोफेसर
शाहिद
पर
इन
सबको
छिपा
कर
रखने
का
आरोप
है।
यूपी
में
सबसे
ज्यादा
कोरोना
पॉजिटिव
जमाती
बता
दें
कि
यूपी
में
कोरोना
वायरस
के
कुल
संक्रमित
जो
1,184
मामले
बताए
जा
रहे
हैं,
उनमें
से
814
तबलीगी
जमात
से
जुड़े
लोग
ही
हैं।
प्रयागराज
मामले
में
पुलिस
को
सूचना
मिली
थी
कि
इलाहाबाद
यूनिवर्सिटी
के
राजनीतिक
विभाग
के
प्रोफेसर
शाहिद
दिल्ली
के
निजामुद्दीन
मरकज
में
शामिल
हुए
थे।
जब
वह
वहां
से
लौटे
तो
पुलिस
या
अस्पताल
को
जानकारी
दिए
बिना
छिपे
रहे।
बता
दें
कि
यूपी
सरकार
संदिग्ध
कोरोना
वायरस
के
कैरियरों
को
लेकर
जीरो
टॉलरेंस
की
नीति
पर
काम
कर
रही
है
और
उनका
पता
बताने
वालों
के
लिए
ईनाम
देने
की
भी
बात
कही
जा
रही
है।