कैश कूपनों के जरिए राजनीतिक पार्टियां हो रही हैं मालामाल
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ओर से जारी एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक, देश की सभी राजनीतिक पार्टियां उन लोगों के नाम सार्वजनिक करने से बच रही हैं, जो पार्टियों को 20,000 से ज्यादा का फंड या चंदा दे रही हैं। जबकि एक नियम के तहत पार्टियां ऐसा करने के लिए बाध्य हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 90 प्रतिशत राजनीतिक पार्टियां नहीं चाहती हैं कि इस बात को सार्वजनिक किया जाए कि उनके लिए कहां से कितना फंड आ रहा है। इस रिपोर्ट के साथ ही साफ है कि राजनीतिक पार्टियां उस
नियम को दरकिनार करने में लगी हैं जिसके तहत सभी पार्टियों को 20,000 से ज्यादा का फंड देने वाले व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करना अति आवश्यक होता है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक कई अथॉरिटीज जिनमें आयकर विभाग और चुनाव आयोग तक को भी पार्टियों के लिए चंदा देने वाले लोगों के नाम नहीं मालूम हैं। एडीआर की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2012-2013 में राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों की कुल आय 991.20 करोड़ रुपए थी।
पार्टियों की ओर से कुल डोनेशन का सिर्फ 10 प्रतिशत ब्यौरा ही मुहैया कराया गया यानी पार्टियों की ओर से बताया गया कि उन्हें 3,777 डोनर्स से करीब 99.14 करोड़ की आय हासिल हुई है।
चुनाव आयोग की ओर से तय नियमों के तहत पार्टियों को उन सभी लोगों की जानकारी देनी होती है जिन्होंने पार्टियों के खाते में 20,000 से ज्यादा की डोनेशन दी है।
कुछ पार्टियों की ओर से कूपन सिस्टम को अपनाया है जिसके तहत उन्हें एक भारी-भरकम राशि दी जाती है। इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी दी गई है।
इन कूपनों के जरिए सभी पार्टियों को नगद राशि मिलती है और ऐसे में डोनर की पहचान कर पाना काफी मुश्किल है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की प्रणाली की वजह से पार्टियों को मिलने वाली एक बड़ी नगद राशि का गिन पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को कूपनों की बिक्री से 312.24 करोड़ रुपए की आय, एनसीपी को 3.76 करोड़ रुपए की राशि हासिल हुई है।
बीजेपी देश की ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसके 1,670 डोनर्स ने अपना पैन डिक्लेयर नहीं किया है। इन डोनर्स की ओर से पार्टी को करीब 25.99 करोड़ रुपए की डोनेशन हासिल हुआ है।
वर्ष 2012-2013 के दौरान कांग्रेस को 425 करोड़ और बीजेपी को 324 करोड़ रुपए बतौर डोनेशन हासिल हुए।