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'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर का जन्मदिन आज, PM मोदी ने दी बधाई, जानिए कुछ खास बातें

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मुंबई। आज भारत रत्न से विभूषित 'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर का 89वां जन्मदिन है, उम्र के आंकड़े भले ही कुछ कहे लेकिन इसमें किसी की शक नहीं कि आज भी लता की आवाज किसी नवयुवती से कम नहीं हैं। सुरों की देवी और मां सरस्वती की उपासक लता मंगेशकर के जन्मदिन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि मैं लता दीदी के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उनकी लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।

'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर को जन्मदिन पर PM मोदी ने दी बधाई

'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर को जन्मदिन पर PM मोदी ने दी बधाई

मध्य प्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को जन्मीं कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर रंगमंचीय गायक दीनानाथ मंगेशकर और सुधामती की पुत्री हैं। चार भााई-बहनों में सबसे बड़ी लता को उनके पिता ने पांच साल की उम्र से ही संगीत की तालीम दिलवानी शुरू की थी बहनों आशा, उषा और मीना के साथ संगीत की शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ लता बचपन से ही रंगमंच के क्षेत्र में भी सक्रिय थीं। जब लता सात साल की थीं, तब उनका परिवार मुंबई आ गया, इसलिए उनकी परवरिश मुंबई में हुई।

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संघर्षों से जीता सफलता का आसमां

संघर्षों से जीता सफलता का आसमां

वर्ष 1942 में दिल का दौरा पड़ने से पिता के निधन के बाद लता ने परिवार के भरण पोषण के लिए कुछ वर्षो तक हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया, जिनमें प्रमुख हैं 'मीरा बाई', 'पहेली मंगलागौर' 'मांझे बाल' 'गजा भाऊ' 'छिमुकला संसार' 'बड़ी मां' 'जीवन यात्रा' और 'छत्रपति शिवाजी' लेकिन लता की मंजिल तो गायन और संगीत ही थे लेकिन मंजिल आसान नहीं थी। लता को भी सिनेमा जगत में कॅरियर के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनकी पतली आवाज के कारण शुरुआत में संगीतकार फिल्मों में उनसे गाना गवाने से मना कर देते थे। 1947 में आई फिल्म 'आपकी सेवा में' में गाए गीत से लता को पहली बार बड़ी सफलता मिली और फिर उन्होंने पीछे पलट कर नहीं देखा।

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लता की गायिकी ने हर किसी को किया प्रभावित

लता की गायिकी ने हर किसी को किया प्रभावित

वर्ष 1949 में गीत 'आएगा आने वाला', 1960 में 'ओ सजना बरखा बहार आई', 1958 में 'आजा रे परदेसी', 1961 में 'इतना न तू मुझसे प्यार बढ़ा', 'अल्लाह तेरो नाम', 'एहसान तेरा होगा मुझ पर' और 1965 में 'ये समां, समां है ये प्यार का' जैसे गीतों के साथ उनके प्रशंसकों और उनकी आवाज के चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ती गई और लता संगीत की दुनिया का बहुत बड़ा नाम बन गईं। यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदी सिनेमा में गायकी का दूसरा नाम लता मंगेशकर है। वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद जब एक कार्यक्रम में लता ने पंडित प्रदीप का लिखा गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।

भारत रत्न (2001) से सम्मानित लता मंगेशकर

भारत रत्न (2001) से सम्मानित लता मंगेशकर

भारत सरकार ने लता को पद्म भूषण (1969) और भारत रत्न (2001) से सम्मानित किया। सिनेमा जगत में उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कारों सहित कई अनेकों सम्मानों से नवाजा गया है। सुरीली आवाज और सादे व्यक्तित्व के लिए विश्व में पहचानी जाने वाली लता जी आज भी स्टूडियो में प्रवेश करने से पहले चप्पल बाहर उतार कर अंदर जाती हैं और स्टेज पर चढ़ने से पहले उसें छूकर माथे लगाती हैं।

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Comments
English summary
Prime Minister Narendra Modi on Thursday wished Lata Mangeshkar a "long and healthy life." Appreciating her "melodious voice", Prime Minister tweeted, "Birthday wishes to respected @mangeshkarlata Didi.
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