ऋषि मुनियों की धरती है भारत, देश ने हमेशा दिया चरैवेति चरैवेति का मंत्र: पीएम मोदी
नई दिल्ली, 27 मार्च। अहिंसा यात्रा संपूर्णता समारोह (Ahinsa Yatra Completion Ceremony) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जहां अहिंसा है, वहां एकता, अखंडता और बड़प्पन है। उन्होंने भारत की प्राचीन ऋषि मुनियों की परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत हजारों वर्षों से महान परंपराओं की धरती रही है। समय और परिस्थितियां बदलीं लेकिन ये परंपराएं अपनी गति में चलती रहीं। पीएम ने अहिंसा यात्रा के लिए आचार्य महाश्रमण (Acharya Mahashraman) और उनके साथियों को बधाई दी।
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को अहिंसा यात्रा संपूर्णता समारोह (Ahinsa Yatra Completion Ceremony) को संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण (Acharya Mahashraman) और उनके साथ यात्रा में शामिल सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अहिंसा यात्रा को भारत की नई यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से ऋषि, मुनि और आचार्यों की एक महान परंपरा की धरती रही है। काल के थपेड़ों ने कैसी भी मुसीबत पेश की हों लेकिन यह परंपरा वैसी ही चलती रही है।
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अहिंसा यात्रा संपूर्णता समारोह में पीएम ने कहा कि हमारे यहां आचार्य वही बना है जिसने चरैवेति चरैवेति का मंत्र दिया। आचार्य श्री महाश्रमन जी ने 7 वर्षों में 18 हजार किमी की पदयात्रा पूरी की। यह यात्रा दुनिया के 3 देशों की पदयात्रा थी। इस पदयात्रा ने देश के 20 राज्यों को एक नई प्रेरणा और विचार से जोडा है. पीएम ने कहा कि आचार्य महाश्रमण जी ने भारतीय विचारधारान वसुधैव कुटुंबकम को अपनी यात्रा के जरिए विस्तार देने का कार्य किया है।