बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम में मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सेक्शन दो असंवैधानिक घोषित करने के लिए याचिका दायर की गई है। पर्सनल बोर्ड के सेक्शन दो में हलाला और बहुविवाह को मान्यता दी गई है। वकील अश्वनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि बहुविवाह और हलाला मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, ऐसे में इस सेक्शन को रद्द किया जाए। याचिकाकर्ता ने अर्जी में भारत सरकार के लॉ मिनिस्ट्री और लॉ कमिशन को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा है कि निकाह हलाला को आईपीसी की धारा 375 के अंतर्गत रेप, बहुविवाह को 494 के अतंर्गत और एक साथ तीन तलाक को आईपीसी की धारा 498 के तहत अपराध की श्रेणी में लाया जाए।
हलाला और बहुविवाह को असंवैधानिक घोषित करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि शरीयत ऐक्ट की धारा-2 के तहत एक बार में तीन तलाक असंवैधानिक है, धारा-2 इसको मान्यता देता था। इसी तरह धारा-2 निकाह हलाला और बहुविवाह को भी मान्यता देता है इसलिए इसको भी असंवैधानिक घोषित किया जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि हलाला और बहु विवाह मुद्दे को वह बाद में सुनेगा, लेकिन कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और हलाला, बहुविवाह पर सुनवाई नहीं हो पाई। ऐसे में अब इसको असंवैधानिक घोषित किया जाए।
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