अनफिट पुलिसकर्मियों को सरकार नहीं देगी मेडल, जानें क्या है नया फैसला?
गृह मंत्रालय ने मेडल नियमों में बदलाव करते हुए तय किया है कि मेडल की सिफारिश के साथ पुलिस कर्मियों को सबूत देने होंगे कि वे शेप 1 के मानक पर खरे उतरते हैं
नई दिल्ली। देश की पुलिसिया व्यवस्था में चुस्ती लाने की दिशा में गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अब अनफिट या बेडौल पुलिस कर्मी राष्ट्रपति सेवा पदकों जैसे सम्मान पाने के योग्य नहीं माने जाएंगे। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय पुलिस संगठनों को एक सर्कुलर जारी किया है।
मेडल के लिए फिट होना जरूरी
नए सर्कुलर के मुताबिक कानून प्रवर्तन से जुड़े शारीरिक रूप से फिट (स्वस्थ) कर्मचारियों को ही उत्कृष्ट व सराहनीय सेवाओं के लिए ऐसे पदकों से सम्मानित किए जाने पर विचार होना चाहिए। ऐसे पुलिस अधिकारी जिनकी छवि साफ-सुधरी नहीं है उन्हें भी कोई पदक नहीं दिए जाएंगे। सर्कुलर के अनुसार, पुलिस कर्मियों को शारीरिक रूप से फिट होना जरुरी होगा।
फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाना होगा
गृह मंत्रालय ने मेडल नियमों में बदलाव करते हुए तय किया है कि मेडल की सिफारिश के साथ पुलिस कर्मियों को सबूत देने होंगे कि वे शेप 1 के मानक पर खरे उतरते हैं। इसमें उनके वजन और कमर के माप को खास तौर पर देखा जाएगा। इतना ही नहीं, डॉक्टर के सर्टिफिकेट में भी इसका जिक्र होना चाहिए कि क्या ब्लड प्रेशर नॉर्मल है और आंखों की रोशनी भी सही सलामत है।
चौथी बार नहीं होगा विचार
नए नियम के मुताबिक एक पुलिसकर्मी को अगर तीन बार सिफारिश के बाद भी मेडल नहीं मिलता है, तो चौथी सिफारिश को बिना विचार किये खारिज कर दिया जाएगा। नए नियम के हिसाब से पुलिस सेवा मेडल के लिए 18 साल की नौकरी जरूरी है, जबकि विशिष्ट सेवा मेडल के लिए 25 साल की नौकरी जरूरी है।