
शख्स ने भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, जानें क्या मिला जवाब
President of India : देश की सर्वोच्च न्यायालय में लोग न्याय पाने की अंतिम आस लेकर दरवाजा खटखटाते हैं। उसी न्याय के मंदिर में एक शख्स अपनी अजीब सी मांग लेकर याचिका दाखिल कर दी जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो गया। शख्स ने देश का राष्ट्रपति बनने की मांग करते हुए याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। आइए जानते हैं कौन हैं ये शख्स और कोर्ट ने उसे क्या जवाब दिया ?

जानें कौन है ये शख्स और क्या थी पूरी अपील
सुप्रीम कोर्ट में भारत के सर्वोच्च राष्ट्रपति के पद पर बैठने की मांग करने वाला ये शख्स किशोर जगन्नाथ सावंत है। पिछले 20 वर्षों से पर्यावरणविद् होने का दावा करने वाले सावंत ने याचिका में कहा कि उन्हें हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई। सावंत ने शीर्ष अदालत के सामने पेश हुआ और कहा कि उन्हें "सरकार की नीतियों से लड़ने का पूरा अधिकार है"।

राष्ट्रपति बनने की डिमांड के साथ की ये मांग
सावंत की राष्ट्रपति बनने की मांग करने संबंधी याचिका में तीन मांग की जिसमें 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्हें एक निर्विवाद उम्मीदवार के रूप में मानने के निर्देश दिए जाए। दूसरा भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए निर्देश दिए जाए और 2004 से पिछले राष्ट्रपतियों को भुगतान किए गए वेतन के भुगतान के लिए निर्देश दिया जाए।

शख्स ने श्रीलंका की स्थिति का दिया हवाला
इसके साथ ही सावंत ने श्रीलंका की स्थिति का उल्लेख किया जहां पूर्व राष्ट्रपति को अपनी याचिका पर विचार करने के लिए लोगों के विरोध के आगे झुकना पड़ा। उसने कहा मुझे उम्मीद है कि अदालत मुझे अपना मामला रखने देगी और सरकार को यह एहसास कराएगी कि वे कहां गलत हैं। लोग बुनियादी चुनाव लड़ने से भी वंचित हैं।

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त होने की मांग करने वाली सावंत की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने रजिस्ट्री से आई याचिका पर विचार नहीं करने के लिए कहा। इसके साथ ही सावंत की फटकार लगाते हुए न्यायमूर्ति ने कहा याचिका "तुच्छ" और "अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग" है।