धारा 370 के बाद घाटी में पाबंदियों की वजह से मुश्किल में मरीजों की जिंदगी
श्रीनगर। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से घाटी में शटडाउन की स्थिति है। छह दिन गुजर चुके हैं और हालात जस के तस हैं। फोन लाइंस पूरी तरह से बंद हैं और मूवमेंट पर भी कुछ पाबंदी है। दिन के समय तो रास्ते पर मूवमेंट नजर आता है लेकिन रात में ऐसा लगता है कि इस पर बैन लगा दिया गया हो। इन सबके बीच ऐसे लोग भी हैं जिन्हें अस्पताल पहुंचना है और इलाज की जरूरत है। ऐसे लोगों ने दिन में निकलने के बजाय रात में निकलना बेहतर समझा है। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक श्रीनगर स्थित श्री महाराजा हरि सिंह हॉस्पिटल (एसएमएचएस) में भी अब मरीजों की संख्या में कमी देखी जा सकती है।
अस्पताल के वॉर्ड सूने
घाटी में इस समय दुकाने बंद रहती हैं और सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता है। सुरक्षाबलों का हुजूम सड़कों पर नजर आने लगता है। दिन भर मरीज इंतजार करते हैं कब रात हो और वे करीब के अस्पताल पहुंचे। जिन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है और वे अभी घर पहुंचने में असमर्थ हैं वे भी दिन के ढलने का इंतजार कर रहे हैं। मरीजों के अलावा ऐसे लोग जिनके बच्चे घाटी से बाहर रह रहे हैं और उनके अलावा बिहार और उत्तर प्रदेश से आकर काम करने वाले मजदूर तक अब सुरक्षा व्यवस्था में ढील से जुड़े निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं ताकि घर पहुंच सकें। एसएमएचएस में आमतौर पर मरीजों की भीड़ लगी रहती थी और रात में यहां पर बेड का मिलना भी मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब इस हॉस्पिटल के कॉरिडोर और वॉर्ड्स खाली पड़े हैं और एंबुलेंस भी बाहर खड़ी रहती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी सेक्शन में भी कम मरीज आते हैं और जो आते हैं वे भी श्रीनगर से आते हैं अब डॉक्टरों को घाटी के दूसरे मरीजों की चिंता सता रही है।
कर्फ्यू नहीं लेकिन फिर भी बेबस
जो लोग घर के किसी बीमार सदस्य को अस्पताल के लिए लेकर निकलते हैं, उन्हें भी चेक प्वॉइन्ट्स पर रोका जाता है। उनसे पास दिखाने के लिए कहा जाता है। पास न होने की स्थिति में वह असहाय और बेबस सा महसूस करते हैं। लोग अस्पताल तक पहुंचने के लिए डेढ़ घंटे तक का सफर तय कर रहे हैं मगर मुश्किल यह है कि चेकअप के बाद वह घर कैसे जाएं, उन्हें नहीं समझ आ रहा है। यहां तक कि जरूरी आईडी कार्ड होने के बाद भी घर से बाहर निकलना आसान नहीं है। सरकार ने कर्फ्यू का ऐलान नहीं किया है और सिर्फ धारा 144 लागू कर दी है। लोगों का कहना है कि इसके बाद भी वह अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उन्हें कर्फ्यू पास नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि अथॉरिटीज का कहना है कि कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। ऐसे में जब लोग बाहर निकलते हैं तो उनका आईडी कार्ड भी मदद नहीं कर पाता है।