कोटा मांग रहे पाटीदार और गुर्जरों ने पूछा, कैसे आरक्षण लागू करेगी सरकार
नई दिल्ली। विभिन्न जाति समूहों के नेता जो अपनी जाति के लोगों के लिए आरक्षण को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन करते आए हैं, उन्होंने सोमवार को सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के कमजोर लोगों के लिए दिए गए 10 फीसदी आरक्षण का स्वागत किया है। लेकिन इन लोगों ने पूछा है कि, सरकार इसे लागू कैसे करेगी। अहमदाबाद में, पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनकी पूर्व सहयोगी रही रेशमा पटेल (जो 2017 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा में शामिल दो गई थी), इस मुद्दे पर एक जैसी राय रखते हैं। उनका कहना है कि यह 'चुनावी लॉलीपॉप' हैं।
हार्दिक पटेल ने कहा कि, सरकार का यह निर्णय क्या एक और चुनावी जुमला है, जैसे कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने का वादा और प्रत्येक बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने का था। हार्दिक ने कहा, अगर यह संवैधानिक संशोधन के माध्यम से किया जाता है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो केवल वोट आकर्षित करने के उद्देश्य से एक चुनावी नौटंकी है।
वहीं रेशमा पटेल ने कहा, मैं इसका केवल तभी स्वागत करती हूं जब इसे 2019 (चुनाव) से पहले लागू किया जाए। अगर सरकार देरी करती है और कहती है कि इसे लोकसभा चुनाव के बाद लागू किया जाएगा, तो यह 'चुनावी लॉलीपॉप 'की तरह होगा। बता दें कि, हार्दिक के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ओबीसी कोटा के तहत समुदाय को शामिल करने की मांग कर रही है।
उधर हरियाणा में जाटों को कोटा देने की मांग लगातार जारी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJASS) के यशपाल मलिक ने इस निर्णय को 'चुनावी पोल' स्टंट कहा है। उन्होंने कहा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिलता है। यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्र उन्हें ओबीसी श्रेणी में शामिल करेगा या नई 10-प्रतिशत श्रेणी में शामिल करेगा। फिलहाल हम एक अधिसूचना की प्रतीक्षा करेंगे।
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