'ममता के आरोपों से सेना का मनोबल गिरने का खतरा'
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने दीदी को चिट्ठी लिखकर सेना को विवाद में घसीटने पर जाहिर किया अपना दर्द। पार्रिकर ने कहा ममता के बयान सेना का मनोबल गिराने वाले।
नई दिल्ली। पिछले दिनों भारतीय सेना को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस विवाद में घसीटा उस पर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने उन्हें चिट्ठी लिखी है। पार्रिकर ने चिट्ठी में ममता बनर्जी से कहा है कि उनका कदम सेना का मनोबल गिराने वाला है।
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पार्रिकर ने जाहिर किया अपना दर्द
पार्रिकर ने चिट्ठी में विवाद में सेना को घसीटे जाने पर अपना दर्द जाहिर किया है। एक हफ्ते पहले सीएम ममता बनर्जी ने टोल नाकों पर सेना की मौजूदगी पर सवाल खड़े किए थे।
ममता ने सेना पर तख्तापलट की कोशिशों जैसे संगीन आरोप तक लगा डाले थे। इसके बाद सेना को खुद सामने आकर सफाई पेश करनी पड़ी कि जो भी सैनिक टोल नाकों पर मौजूद थे वह सिर्फ एक नियमित अभ्यास का हिस्सा था।
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सेना पर पैसे वसूलने तक के आरोप
ममता की सरकार ओर से सेना पर लोगों से वसूलने तक का आरोप लगा दिया गया था। इसे लेकर संसद में हंगामा भी शुरू हुआ है और रक्षा मंत्री ने संसद में कहा कि सेना को इस तरह से विवाद में घसीटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
पार्रिकर ने अपनी इस चिट्ठी में लिखा है, 'आपकी ओर से सेना को इस तरह से विवाद में घसीटने से मुझे काफी दुख हुआ है। अगर आपने राज्य की एजेंसियों से पूछा होता तो आपको इस एक्सरसाइज के बारे में जानकारी मिल जाती।'
भारतीय सेना सबसे अनुशासित
पार्रिकर ने आगे लिखा है, 'भारतीय सेना देश के सबसे अनुशासित संस्थानों में से एक है। वह हमारे देश की रक्षा और सुरक्षा में समर्पित है। देश को हमारी सेना पर गर्व है। आपके आरोपों के बाद सेना का मनोबल गिरने का खतरा बढ़ गया। आर्मी अथॉरिटीज को उन चिट्ठियों को सुबूतों के तौर पर देने के लिए मजबूर होना पड़ा जो उन्होंने राज्य की पुलिस को लिखी थीं।'
सेना को बुलानी पड़ी थी प्रेस कांफ्रेंस
ममता के आरोपों के बाद सेना के ईस्टर्न कमांड के ऑफिसर मेजर जनरल सुनील यादव को प्रेस कांफ्रेंस तक करनी पड़ गई।
उन्होंने जानकारी दी कि ईस्टर्न कमांड की ओर से हर वर्ष होने वाले डाटा क्लेक्शन एक्सरसाइज चल रही थी।
एक्सरसाइज में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर हर राज्य के एंट्री प्वाइंट पर लोड कैरियर्स की उपलब्धता के बारे में पता लगाया जा रहा था।