वर्चुअली नहीं होगी संसदीय समिति की बैठक, गोपनीयता का हवाला देते हुए सचिवालय ने खारिज किया अनुरोध
नई दिल्ली, 14 मई। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार मचा दिया है, रोजाना तीन लाख से अधिक नए केस और हजारों मौतों से लोग डरे हुए हैं। इस बीच जानलेवा कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए विपक्षी पार्टियां और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का समर्थन करने वाले कुछ दलों ने भी संसदीय समिति की बैठक को वर्चुअली कराने की मांग की। इस संबंध में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक पत्र भी लिखा जिसके जवाब में शुक्रवार को राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्चुअल मीट के अनुरोध का खारिज कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक संसद में सांसदों के वर्चुअल मीट पर संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों ने तकनीकी और गोपनीयता का हवाला देते हुए स्टैंडिंग कमेटी की बैठकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करने के अनुरोधों को खारिज कर दिया है। राज्यसभा सचिवालय के एक नोट में कहा गया है कि लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने सुझाव दिया है कि एक बार स्थिति सामान्य होने पर फिजिकल मीटिंग की जा सकती है। संसदीय समिति की वर्चुअल बैठक कराए जाने के लिए संसद में मौजूदा नियम में बदलाव कराए जाने की जरूरत पड़ेगी।
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बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी दलों ने संसदीय समिति की बैठक को वर्चुअली कराने की मांग की है। इससे पहले भी दो बार यह मांग की जा चुकी है। विपक्ष ने अपने अनुरोध पत्र में कहा कि संसदीय समिति की बैठक लोकतंत्र में आवश्यक हैं लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए बैठक को वर्चुअल तरीके से कराई जाए। विपक्ष की मांग पर लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारियों ने कई बार बैठकें की लेकिन इसका कोई हल नहीं निकाला जा सका। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह से बैठक की गोपनीयता पर असर पड़ सकता है।