मंदी की गिरफ्त में Parle-G, 10 हजार लोगों की नौकरी पर संकट, निर्मला सीतारमण ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। हाल ही में खबर आई थी कि बिस्किट बनाने वाली कंपनी पार्ले-जी खपत में सुस्ती आने के कारण 10 हजार कर्मचारियों की छटनी कर सकती है। बताया गया कि जीएसटी के चलते बिक्री घटने से कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को देश की अर्थव्यवस्था को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने इकॉनमी की सेहत सुधारने के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने पार्लेजी संकट को लेकर भी जवाब दिया।
वित्त मंत्री ने कहा, "अगर जीएसटी के कारण कोई ब्रांडेड बिस्किट कंपनी बंद हो रही है तो मैं इस पर राज्य सरकारों से जानना चाहूंगी, क्योंकि वे भी केंद्र के साथ जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं।" आपको बता दें कि GST लागू होने से पहले 100 रुपये प्रति किलो से कम कीमत वाले बिस्किट पर 12 फीसदी टैक्स लगता था। जीएसटी आने के बाद सभी बिस्किटों को 18 फीसदी वाले स्लैब में डाल दिया गया, जिससे कंपनियों की लागत बढ़ गई। लिहाजा कंपनी को दाम बढ़ाना पड़ा और उस पर निगेटिव असर पड़ा।
हर साल इतने की बिस्किट बेच देता है पार्ले जी
कंपनी हर साल 10 हजार करोड़ रुपये के बिस्किट की बिक्री करती है। पारले प्रोडक्ट के कैटेगिरी हेड मयंक शाह ने कहा कि हम सरकार से जीएसटी कम करने की मांग कर रहे हैं। 100 रुपये प्रति किलो की कीमत वाले बिस्किट पर सबसे ज्यादा जीएसटी लग रहा है। यह बिस्किट पांच रुपये के पैकेट में बेचा जाता है। इससे कंपनी की लागत भी नहीं निकल रही है, जिससे अब लोगों को निकालने के सिवा कोई और रास्ता नहीं बचा है। हालांकि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा।
ब्रिटानिया भी आई लपेटे में
देश की दूसरी सबसे बड़ी बिस्किट निर्माता कंपनी ब्रिटानियां का कहना है कि लोग अब पांच रुपये वाले बिस्किट का पैकेट भी खरीदने के लिए दो बार सोचते हैं। इससे हिसाब लगाया जा सकता है कि लोगों के पास पांच रुपये भी खर्च करना कितना महंगा लग रहा है। ब्रिटानिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने कहा कि 'हमारी ग्रोथ सिर्फ छह फीसदी हुई है। मार्केट ग्रोथ हमसे भी सुस्त है।' नुस्ली वाडिया की कंपनी ब्रिटानिया का साल-दर-साल का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 3.5 पर्सेंट घटकर 249 करोड़ रुपये रहा।