नोटबंदी का सुझाव देने वाले को अर्थशास्त्र का प्राथमिक ज्ञान भी नहीं- चिदंबरम
पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का सुझाव देने वाले को अर्थशास्त्र की प्राथमिक जानकारी भी नहीं, उसे एक बार फिर से अर्शशास्त्र में स्नातक करना चाहिए।
मुंबई। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक बार फिर से नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि जिसने ने भी नोटबंदी का सुझाव दिया है उसे अर्थशास्त्र की प्राथमिक कोर्स की जरूरत है।
गरीब
विरोधी
है
नोटबंदी
चिदंबरम
ने
कहा
कि
मुझे
नहीं
लगता
है
कि
नोटबंदी
किसी
भी
तरह
का
सुधार
है,
यह
आश्चर्यजनक
त्रासदी
है,
इसकी
वजह
से
लाखों
गरीबों
को
परेशानी
का
सामना
करना
पड़
रहा
है,
यह
नीति
गरीब
विरोधी
है।
नोटबंदी पर मोदी सरकार के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने बदले सुर, पहले किया था समर्थन
बिना
तैयारी
नोटबंदी
नोटबंदी
के
फैसले
से
मोदी
सरकार
ने
लोगों
के
बीच
यह
भ्रम
फैलाने
की
कोशिश
की
है
कि
सारा
कालाधन
कैश
में
है।
उन्होंने
कहा
कि
नोटबंदी
के
फैसले
से
पहले
सरकार
को
कालाधन
के
बारे
में
सही
जानकारी
नहीं
थी।
यह
वैसा
ही
है
जैसे
ऑपरेशन
करने
वाले
डॉक्टर
ने
कोई
भी
होमवर्क
नहीं
किया।
चिदंबरम ने कहा कि यह वैसा है जैसे डॉक्टर मरीज का ऑपरेशन कर रहा है लेकिन उसे यह नहीं पता है कि बीमारी कहां है, मरीज के शरीर के किस अंग का ऑपरेन करना है। उन्होंने कहा कि यह मान लेना का सारा कालाधन कैश में है गलत है, कैश में कालाधन उनके पास है जिन्होंने टैक्स की चोरी की है और ज्यादातर लोगों ने टैक्स की चोरी नहीं की है।
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अर्थशास्त्र
की
जानकारी
नहीं
जिसने
भी
नोटबंदी
का
सुझाव
दिया
है
उसे
अर्थशास्त्र
की
प्राथमिक
जानकारी
भी
नहीं
है,
उसे
एक
बार
फिर
से
अर्थशास्त्र
से
स्नातक
करना
चाहिए।
अगर
किसान
के
पास
कैश
है
तो
वह
कालाधन
नहीं
है,
लेकिन
जब
वह
डॉक्टर,
वकील
को
1000
रुपए
का
भुगतान
करता
है
तो
वह
कालाधन
हो
जाता
है
क्योंकि
उसे
इसकी
रसीद
नहीं
मिलती
है।
लेकिन जब एक डॉक्टर या वकील रेस्टोरेंट जाता है और 1000 रुपए का बिल देता है तो वह कालाधन नहीं होता है। जिन लोगों को मूल अर्थशास्त्र की जानकारी नहीं थी उन्होंने इसे लागू किया है। चिदंबरम ने कहा कि 30 दिसंबर तक 15.44 लाख करोड़ रुपए का कैश बैंकों में आ जाएगा।