विपक्षी एकता के बीच पीएम पद को लेकर विपक्ष में घमासान जारी, बनेगा बड़ी मुश्किल
नई दिल्ली। तमाम विपक्षी दल आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने की कोशिश में जुटे हैं और भाजपा पर जमकर हमला बोल रहे हैं। लेकिन इन तमाम दलों के बीच प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अभी भी विवाद बरकरार है। तमाम पार्टी के नेता अपने ही उम्मीदवार को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हैं जिसके चलते विपक्षी दलों की एकता पर सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम पद के तौर पर आगे बढ़ा रही है तो दूसरी तरफ बसपा लगातार मायावती को पीएम पद के लिए आगे बढ़ा रही है।
राहुल को लोग चुनेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि लोगों की उम्मीद राहुल गांधी में है। मुझे पूरा भरोसा है कि 2019 के चुनानव में लोग अपना भरोसा राहुल गांधी में दिखाएंगे और वह सरकार बनाएंगे। यही नहीं पुनिया ने कहा कि आगामी चुनाव में नरेंद्र मोदी को हार का मुंह देखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आपके जाने का वक्त आ गया है, आराम से मर्यादा के साथ चले जाइए। यही नहीं पुनिया ने कहा कि भाजपा विपक्षी एकजुटता से घबराई हुई है और वह विपक्ष के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रही है।
भाजपा घबराई हुई है
पुनिया ने कहा कि आखिर ये लोग विपक्षी एकता से क्यों घबराएं हैं, कल 22 पार्टियों ने एक साथ मिलकर रैली की और मंच साझा किया। अगर कोई करीब से देखे तो भाजपा ने तमाम राज्यों में 42 दलों के साथ गठबंधन किया है, लेकिन कल की मेगा रैली के बाद भाजपा बुरी तरह से डरी और घबराई हुई है। इस मेगा रैली में हम सबने फैसला लिया है कि मोदी सरकार को मिलकर हराएंगे। लोगों ने अपना समर्थन कांग्रेस को तीन राज्यों में दिया है। लोग अब भाजपा के पक्ष में नहीं हैं, लोग जान गए हैं कि अच्छे दिन झूठा वायदा था।
बसपा ने मायावती को आगे बढ़ाया
वहीं इन सब के बीच बपा नेता सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि मायावती देश की अगली प्रधानमंत्री बनेंगी, उन्होंने गरीबों, पिछड़ों, मुसमलानों और महिलाओं के उत्थान के लिए काम किया है। ये सब चाहते हैं कि ऐसा व्यक्ति उनका प्रतिनिधित्व करे। बसपा के नेताओं को ऐसा लगता है कि मायावती को देश का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए, हालांकि अंतिम फैसला अभी लिया जाना बाकी है।
ममता ने कहा हम सब नेता हैं
वहीं पश्चिम बंगाल में विशाल रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुनने की बजाए हमारा ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि हम भाजपा को एकजुट होकर हराए। प्रधानमंत्री पद का सवाल बड़ा सवाल नहीं है, यह हम चुनाव के बाद एकजुट होकर तय कर सकते हैं। कभी-कभी ये लोग पूछते हैं कि कौन होगा आपका नेता, हमारे पास कई नेता हैं, हममे हर कोई नेता है, हर कार्यकर्ता, आयोजक नेता है।
फारुक अब्दुल्ला का रुख
एनसी के नेता फारुक अब्दुल्ला ने भी इस दौरान कहा कि विपक्ष के नेताओं को अपने को नेता के तौर पर बढ़ाने से ज्यादा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे एकजुट होकर भाजपा को हराए। नेताओं को अपने मौके के बारे में नहीं सोचना चाहिए कि वह कैसे प्रधानमंत्री बनें बल्कि एक साथ मिलकर भाजपा को हराने के बारे में सोचना चाहिए और लोकतंत्र को बचाने के बारे में सोचना चाहिए।
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