अजित डोवाल के बयान से उमर अब्दुल्ला को है ऐतराज
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भले ही सोनावार सीट से चुनाव हार गए हों लेकिन उनके बयान शायद उन्हें हमेशा खबरों में बनाए रखेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजित डोवाल के एक बयान से उमर अब्दुल्ला को परेशानी है। अजित डोवाल ने करीब दो दिन पहले एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर में चुनावों को एक बड़ी रणनीतिक जीत करार दिया था।
उमर का कहना है कि न जम्मू कश्मीर में हुए चुनावों को न तो रणनीतिक जीत के तौर पर देखा जाए और न ही इन्हें किसी तरह जनमत संग्रह माना जाए।
उमर ने कहा है कि जब राज्य के चुनावों को पाकिस्तान पर एक रणनीतिक जीत और बड़े स्तर पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जाता है तो एक तरह की नई समस्या सामने आती है।
वह कहते हैं कि आगे आने वाले चुनावों में इस तरह की बातें कई तरह की मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। उमर की मानें तो बेहतर होगा कि अगर इन चुनावों को सिर्फ एक ऐसी प्रक्रिया के तौर पर देखा जाए जहां लोगों को विधानसभा के लिए अपना प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलता है और साथ ही राज्य में सरकार बनने का रास्ता खुलता है।
उमर कहते हैं कि इससे अलग कोई और दूसरा बिंदु बताने की कोशिश की जाती है तो फिर कई तरह के खतरे सामने आते हैं। वह मानते हैं कि अलगाववादी भी लोगों से कुछ इसी तरह की बातें करते हैं।
अजित डोवाल ने कहा था कि वर्ष 1989 में जब से घाटी में चरमपंथी ताकतों ने अपना सिर उठाना शुरू किया था, उसके बाद से लेकर अब तक इन विधानसभा चुनावों में पहली बार लोगों ने बढ़-चढ़कर अपनी हिस्सेदारी पेश की है। डोवाल के मुताबिक नतीजे चाहे जो हों लेकिन यह अपने आप में एक बड़ी रणनीतिक विजय की तरह है।