'ये अगस्त 2019 के बाद नया जम्मू कश्मीर है', उमर अब्दुल्ला का दावा बिना किसी सूचना के घर में किया गया नजरबंद
'तो यह है अगस्त 2019 के बाद नया जम्मू-कश्मीर है', उमर अब्दुल्ला का दावा बिना किसी सूचना के घर में किया गया नजरबंद
Omar Abdullah claims house arrest: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बाद अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार (14 फरवरी) को दावा किया है कि उनको और उनके परिवार को घर में नजरबंद कर दिया गया है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर दावा किया कि सरकार ने उन्हें और उनके पिता दोनों को घर में ही कैद कर दिया है। इतना ही नहीं उनके घर में काम करने वालों को भी घर आने की इजाजत नहीं दी गई है। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया था। रविवार को फारूक अब्दुल्ला गांदरबल जाने वाले थे, वहीं उमर अब्दुल्ला का गुलमर्ग जाना था।
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उमर अब्दुल्ला ने कसा तंज- 'तो यह है अगस्त 2019 के बाद नया जम्मू-कश्मीर है'
अपने घर के बाहर सुरक्षाकर्मियों के तैनात गाड़ियों की तस्वीर को शेयर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा, '' 'तो यह है अगस्त 2019 के बाद का नया या न्यू कश्मीर। हमें बिना कोई वजह बताए घरों में कैद कर दिया गया है। दुर्भाग्य है कि उन्होंने मेरे पिता एक मौजूदा सांसद को, मुझे हमारे घरों में कैद कर दिया। उन्होंने मेरी बहन और उनके बच्चों को भी घरों में लॉक कर दिया है।'
उमर अब्दुल्ला बोले- यह है लोकतंत्र का नए मॉडल
एक अन्य ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'चलो, ये आपके लोकतंत्र के नए मॉडल का मतलब है कि हमें बिना किसी स्पष्टीकरण के हमारे घरों में नजरबंद कर दिया जाए। इसके ऊपर हमारे घरों में काम करने वाले स्टाफ को भी अंदर आने की इजाजत न दी जाए। इसके बाद भी आपको हैरानी होती है कि आखिर मैं हैरान क्यों हूं...और बोलने के लहजे में कड़वाहट क्यों है?'
Chalo, your new model of democracy means that we are kept in our homes without explanation but on top of that the staff that works in the house aren’t being allowed in and then you are surprised that I’m still angry & bitter.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 14, 2021
सरकार की ओर से इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि आखिर इन्हें क्यों नजरबंद रखा गया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये कदम पुलवामा हमले की बरसी को लेकर किया गया है। रविवार को देश में जम्मू-कश्मीर में 2019 में हुए पुलवामा हमले की दूसरी बरसी मना रहा है। सीआरपीएफ काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
महबूबा मुफ्ती ने दावा किया था कि फर्जी मुठभेड़ में कथित तौर पर मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने की कोशिश की बीच उन्हें घर में नजरबंद किया गया था।