देश में 30 फीसदी से ज्यादा युवा हैं बेरोजगार, OECD की रिपोर्ट से खुलासा
देश में 30 फीसदी युवा आबादी 15 से 29 साल के बीच की है और उसके पास न तो रोजगार है और न ही पर्याप्त शिक्षा या ट्रेनिंग।
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ रही है लेकिन नौकरी देने के मामले में देश की हालत खराब है। OCED की रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर 7 फीसदी रही है। लेकिन रोजगार के का आंकड़ा लगातार गिरा है और देश में नई नौकरियों में बारी गिरवाट देखने को मिली है। जबकि दूसरे देशों में अच्छी खासी नौकरियों को विकल्प हैं।
नहीं
आ
रहे
रोजगार
के
नए
अवसर
देश
में
30
फीसदी
युवा
आबादी
15
से
29
साल
के
बीच
की
है
और
उसके
पास
न
तो
रोजगार
है
और
न
ही
पर्याप्त
शिक्षा
या
ट्रेनिंग।
यह
OECD
के
आंकड़ों
के
औसत
मानक
का
भी
दोगुना
और
चीन
से
तीन
गुना
है।
NEET
का
कॉन्सेप्ट
अभी
नया
है।
OECD
के
मुताबिक,
बेरोजगार,
बिना
पढ़े-लिखे
युवाओं
की
संख्या
ही
असल
में
बड़ी
समस्या
है।
लगातार
आबादी
बढ़
रही
है
लेकिन
रोजगार
के
अवसर
नहीं
हैं।
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में
बीजेपी
को
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हैं
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पद
के
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कानून
की
वजह
से
भी
मुश्किल
OECD
की
इंडिया
डेस्क
के
प्रमुख
और
वरिष्ठ
अर्थशास्त्री
इसाबेल्ले
जौमार्ड
ने
कहा,
'युवा
बेरोजगार
और
कम
पढ़े-लिखे
इसलिए
हैं
क्योंकि
उनके
पास
बेहतर
नौकरियों
के
विकल्प
नहीं
हैं।
सिस्टम
नौकरियां
नहीं
ला
रहा
है।
भारत
में
श्रम
कानून
काफी
जटिल
है,
शिक्षा
और
ट्रेनिंग
में
सही
ये
काम
नहीं
हो
रहा।
दूसरी
अर्थव्यवस्थाओं
के
मुकाबले
भारत
में
नियम-कानून
अड़चन
ज्यादा
पैदा
करते
हैं।'
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के
बाद
फेंके
गए
19
बच्चियों
के
भ्रूण
मिलने
से
सनसनी
राज्य
सरकारों
को
भी
करना
होगा
सहयोग
मौजूदा
सरकार
हालात
में
सुधार
लाने
की
कोशिश
कर
रही
है।
सरकार
ने
कुछ
कदम
भी
उठाए
हैं
ताकि
पारदर्शिता
बढ़े
और
प्रशासन
बेहतर
हो।
सरकार
श्रम
कानून
में
फेरबदल
करके
नौकरियों
के
लिए
सुलभ
कर
सकती
है।
सबसे
ज्यादा
जरूरत
है
श्रम
कानूनों
में
फेरबदल
और
राज्यों
के
सहयोग
की।
राज्य
सरकारों
को
भी
योगदान
देना
होगा
कभी
रोजगार
के
अवसर
बनेंगे।