जनगणना की वेबसाइट से हटाए गए NPR फॉर्म संबंधित दस्तावेज, गृह मंत्रालय ने बताई ये वजह
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर। इस साल यानी 2021 में देश की आबादी का आंकड़ा जारी किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से जनगणना का काम स्थगित हुआ तो अभी तक रूका हुआ है। अब माहामारी से थोड़ी राहत के बाद फिर से जनसंख्या की गिनती कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसी के तहत शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) से संबंधित दस्तावेज को वापस ले लिया है।
बता दें कि 18 अगस्त को एक भारत की जनगणना 2021 के लिए प्रधान, जिला जनगणना अधिकारियों और प्रभारी अधिकारियों के लिए ऑनलाइन एनपीआर अनुसूची (फॉर्म) की एक हैंडबुक जारी की गई थी जिसे सभी राज्यों के साथ साझा किया गया था। द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनपीआर फॉर्म में आवेदनकर्ता से उसकी 'मातृभाषा, पिता और माता का जन्म स्थान, और निवास का अंतिम स्थान' जैसे विवादास्पद सवाल पूछे गए थे। हालांकि इस हैंडबुक को अब sensindia.gov.in वेबसाइट से हटा दिया गया है।
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हैंडबुक हटाए जाने के बाद गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि 'एनपीआर प्रोफार्मा को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।' एनपीआर को पहली बार 2010 में प्रकाश में आया, उसके बाद 2015 में इसमें कुछ बदलाव किए गए। फॉर्म में प्रैक्टिस के तौर पर कुछ और नए सवाल 2019 में जोड़े गए। कुछ राज्यों और नागरिक समूहों द्वारा इसाका विरोध किया गया। बता दें कि नागरिकता नियम, 2003 के अनुसार एनपीआर भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर की जानकारी इकट्टा करने की दिशा में पहला कदम है। NPR में पहले से ही 119 करोड़ निवासियों का डेटाबेस है।