जानिए, गुजरात में भाजपा-कांग्रेस से ज्यादा केजरीवाल की पार्टी को किसने रुलाया?
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नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में NOTA (उपरोक्त कोई नहीं) की धूम रही। NOTA के समर्थन में वोटिंग की हालत यह रही कि वो आम आदमी पार्टी को मिले कुल मतों से 2.5 गुना ज्यादा है। बता दें आप ने गुजरात की 182 सीटों में से 29 पर चुनाव लड़ा था। NOTA, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में एक विकल्प है और नोटा के तहत एक वोट दर्ज करके, एक मतदाता किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के प्रति अपनी अस्वीकृति को व्यक्त कर सकता है। आप को 29 सीटों में कुल 29,517 वोट मिले हैं, जबकि इन सीटों में लोगों ने नोटा का 75,880 बार इस्तेमाल किया।
सिर्फ 1 सीट पर नोटा से मिले ज्यादा वोट
पार्टी को नोटा के मुकाबले सिर्फ एक सीट में ज्यादा वोट मिला और वो सीट है काटारगम। यहां, आप को 4,135 मत मिले, जबकि लोग नोटा विकल्प 1,693 बार इस्तेमाल किया। इसके अलावा, 20 सीटों में पार्टी को तीन अंकों में वोट मिला और इनमें से 16 में से 500 वोटों से कम मतदान हुआ।
सबसे कम वोट अंकलेश्वर में
अंकलेश्वर में पार्टी को सबसे न्यूनतम वोट मिले 243, जहां लोगों ने नोटा का विकल्प 2,732 बार प्रयोग किया गया। गुजरात के आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हर्षिल नायक ने कहा कि उनके उम्मीदवारों की हार के प्रमुख कारणों में अभियान के दौरान चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर देर से लिया गया फैसला और आप के केंद्रीय नेतृत्व की अनुपस्थिति शामिल है।
सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई
नायक ने कहा, 'चुनाव लड़ना है या नहीं, इस बारे में भ्रम था और हमने चुनाव से लड़ने के लिए बहुत देर में फैसला किया, जिससे हम प्रभावित हुए।' गौरतलब है कि गुजरात में विधानसभा चुनावों के कल परिणाम आए जिसमें भाजपा को 99 सीट, कांग्रेस को 80 और अन्य को 3 सीटें मिलीं। वहीं आप की सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई।