मुसलमानों का नहीं सपा नेताओं का DNA टेस्ट करवायें अबू आजमी
जी हां क्योंकि जिस रास्ते पर मुलायम सिंह यादव समेत सभी सपा नेता चल रहे हैं, वो रास्ता डा. राम मनोहर लोहिया ने नहीं तय किया था। चुनावी दलदल में फंसी सपा की असली समाजवादी विचारधारा घटिया बयानों के बीच कहीं खो गई है। सपा का हर नेता मुसलमानों की माला जप रहा है, जबकि सच पूछिए तो पिछले दो सालों में अखिलेश यादव की सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को ठेंगा के अलावा कुछ नहीं दिया।
लखनऊ के कैसरबाग में स्थित गैराज ए-वन मोटर्स के मालिक कमाल हुसैन से जब हमने पूछा कि वोट किसे देने जा रहे हैं, तो बोले, "अरे जनाब यह पूछिए किसे वोट नहीं देंगे।" मन में एक प्रकार का गुबार लिये कमाल हुसैन ने कहा, "सपा को तो नहीं दूंगा चाहे कुछ हो जाये।" कमाल जैसे लाखों मुसलमानों का गुबार यूपी के कई शहरों में मतपेटियों में बंद हो चुका है और कई में अभी बाकी है।
वहीं पर बैठे स्कूटर मकैनिक मोहम्मद सलीम भी चर्चा में शामिल हो गये। जब हमने उनसे पूछा कि सलीम भाई आप किसे वोट देंगे। तो जवाब मिला, "हमारा वोट तो अब्बू तय करेंगे।" और अब्बू किसके फेवर में हैं? इसका जवाब मिला, "मौलवी साहब उनके खास हैं अब जो मौलवी साहब कहेंगे उसी पर मुहर लग जायेगी।" तो क्या पूरा परिवार अब्बू की बात मानेगा? जवाब, "हां और क्या।" जब उत्तर प्रदेश शासन के बारे में पूछा, तो जवाब मिला हम मकैनिक लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता, सरकार चाहे किसी की भी हो।
मोदी लहर के बारे में क्या खयाल है?
यह सवाल पूछने पर कैसरबाग में रहने वाले आरिफ ने कहा, "भईया हम लोग सुबह से लेकर शाम तक काम करते हैं, लहर आती भी होगी तो व्यस्तता उसका पता नहीं चलता। हां लोगों में चर्चा जोरों पर है यह हम जानते हैं।" अबू आजमी के बयान पर बात की तो आरिफ ने कहा, "आजमी साहब अपना और सपा का डीएनए टेस्ट करवायें तो ज्यादा बेहतर होगा।"
सलीम और कमाल की बातों से साफ पता चलता है कि इस बार समाजवादी पार्टी की बत्ती गुल होने वाली है। इसका कारण सिर्फ विकास की कमी ही नहीं है, बल्कि मुलायम, आजम खां, अबू आजमी, शिवपाल सिंह जैसे नेताओं के बेतुके बयान भी हैं।