क्या सावरकर ने जेल में रहते अंग्रेजों से मांगी थी माफी? संसद में सरकार ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर मचे हंगामे के बीच विपक्षी सांसदों की तरफ से सवाल पूछे जाते हैं। इन सवालों के जवाब भी सरकार की तरफ से दिए जाते हैं। मंगलवार को विनायक दामोदर सावरकर से जुड़ा ऐसा ही एक सवाल पूछा गया था। वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर रही है। राज्यसभा में सवाल पूछा गया था कि क्या विनायक दामोदर सावरकर ने सेल्युलर जेल में रहते हुए ब्रिटिश हुकुमत से माफी मांगी थी?
'अंडमान-निकोबार के आर्ट एंड कल्चर विभाग के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं'
राज्यसभा में संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि अंडमान-निकोबार प्रशासन के पास इस तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिससे इसकी पुष्टि हो। मंत्रालय की तरफ से कहा गया, 'अंडमान सेल्युलर जेल के 'लाइट एंड साउंड शो' में ऐसी दया याचिकाओं का कोई उल्लेख नहीं किया गया है क्योंकि अंडमान-निकोबार के आर्ट एंड कल्चर विभाग के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
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कांग्रेस उठाती रही है सावरकर की माफी का मुद्दा
दरअसल, कांग्रेस पार्टी लगातार बीजेपी पर हमलावर रही है और आरोप लगाती रही है कि सावरकर ने अंग्रेजों से 6 बार माफी मांगी थी। पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी एक रैली में कहा था कि वे सावरकर नहीं हैं जो माफी मांगेंगे। उनके इस बयान पर शिवसेना और बीजेपी दोनों दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उठाती रही है। कई हिंदूवादी नेताओं ने भी इसकी मांग की है जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती रही है।
'लव जिहाद' मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं - सरकार
इसी तरह केंद्र सरकार ने संसद में ये भी कहा कि 'लव जिहाद' मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है क्योंकि इससे जुड़ा कोई मामला केंद्रीय जांच एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ये जानकारी दी है। रेड्डी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और प्रचार-प्रसार की आजादी देता है। बता दें कि 'लव-जिहाद' को लेकर भी देश की सियासत गरमाती रही है।
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