खाप पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, कहा- दो बालिगों की शादी में दखल देना गैरकानूनी
सुप्रीम कोर्ट ने खाप की पैरवी कर रहे वकील से बेहद सख्त लफ्ज़ में कहा, 'कोई शादी वैध है या अवैध, यह फैसला बस अदालत ही कर सकती है। आप इससे दूर रहें।
नई दिल्ली। खाप पंचायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि अगर दो बालिग शादी करने का फैसला करते हैं, तो उसमें कोई भी दखल नहीं दे सकता। कोर्ट ने केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं से ऐसे उपाय बताने का कहा है जिससे इन विवाहित दंपतियों को सुरक्षा प्रदान की जा सके। सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि दंपतियों को सुरक्षा देने की जिम्मेवादी पुलिस की है। चीफ दीपक दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने ऑनर किलिंग रोकने को लेकर याचिका की सुनवाई के दौरान ये बाते कहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने खाप की पैरवी कर रहे वकील से बेहद सख्त लफ्ज़ में कहा, 'कोई शादी वैध है या अवैध, यह फैसला बस अदालत ही कर सकती है। आप इससे दूर रहें।'अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी। आपको बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए साफ किया था कि एक बालिग जोड़े को प्रेम विवाह करने से कोई खाप नहीं रोक सकती। कोर्ट ने साथ ही कहा था कि प्रेम विवाह करने वालों के खिलाफ खाप के फरमान पूरी तरह से गैरकानूनी हैं और केंद्र सरकार खाप पंचायतों को बैन करे।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि कोई खाप, समाज या माता-पिता बालिगों को किसी के साथ प्रेम विवाह करने से रोक नहीं सकते. इस बेंच में जस्टिस मिश्रा के अलावा एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे।
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