अलगाववादी नेताओं को घेरने के लिए मोदी सरकार का ब्लूप्रिंट
नई दिल्ली। कश्मीर में जब कभी स्थिति तनावपूर्ण होती है तो अलगाववादी तनाव की उस आग में घी डालने का पूरा काम करते हैं। अब सरकार ने इन्हीं अलगाववादी नेताओं पर नकेल कसने का फैसला कर लिया है। केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेताओं को मिलने वाली कुछ सुविधाओं में कटौती करने का विचार कर रही है। ऐसे में हो सकता है कि अलगाववादी नेताओं की विदेश यात्रा से लेकर सुरक्षा और उन्हें इलाज के लिए मिलने वाली सुुविधाओं को बंद कर दिया जाए।
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सरकार का रुख कड़ा
गृह मंत्रालय की सूत्रों की मानें तो सरकार अलगावादी नेताओं के खिलाफ रुख कड़ा करने की पूरी तैयारी में है। सरकार दृढ़ता से उन सभी लोगों का सामना करने को तैयार है तो कश्मीर की परेशानियों को और बढ़ा रहे हैं।
सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीरी अलगाववादियों के उस रुख पर नाराजगी जाहिर की है जिसमें उन्होंने सभी पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से ही इंकार कर दिया था।
यह प्रतिनिधिमंडल रविवार को कश्मीर के दौरे पर गया था जिसमें पांच सांसदों का एक समूह था।
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क्या कहा था गृहमंत्री ने
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरी घटना के बाद कहा था कि घाटी में शांति और स्थिति को सामान्य करने के लिए जो भी बात करना चाहता है, उन सबके लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं।
गृह मंत्री ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीब एक घंटे तक मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने पीएम मोदी से घाटी के हालातों पर चर्चा की और साथ ही प्रतिनिधिमंडल की ओर से उन्हें हालातों के बारे में दी गई जानकारियों से भी अवगत कराया।