माता वैष्णो देवी शाइन बोर्ड: आस्था के नाम पर पैसा कमाने का खेल
उन्होंने कहा कि शाइन बोर्ड सिर्फ पैसा कमाने में लगा है उसे दर्शनार्थी की तकलीफ से कोई मतलब नहीं है। बारिश होने पर न तो अर्द्धकुमारी, न ही सांझीछत और न ही धाम में सर छुपाने की जगह है| घोड़े के हाल यह है कि सर पर चढ़कर चले जाएं कोई कुछ करने वाला नहीं है। लोगों को मुर्ख बनाने के लिए जगह-जगह अस्पताल बने हुए हैं पर दवा बाहर से खरीदने की सलाह दी जाती है। जब मेरी विकलांग माता जी अर्द्धकुमारी में दवा लेने गयीं तो कहा गया कि जाकर मेडिकल से दवा ले लें।
अनिल ने एक गंभीर सवाल उठाया है और बोर्ड से पूछा है कि आखिर सारा पैसा जा कहां रहा है। मार्ग के दुकानों पर छपे मूल्य से ज्यादा लिया जा रहा है पर आपको क्या आपको तो बस पैसा कमाना है। अब तो दुकानदार गुंडई भी करते हैं। मैं एक दिन त्रिकुटा भवन में रहा और 2 दिन अर्द्धकुमारी में शैलपुत्री भवन में रहा। भैरोनाथ तक गया पर दर्शन नहीं किया। उन्होंने शाइन बोर्ड से निवेदन किया है कि वो अपनी व्यवस्था में सुधार लाकर सूचित करने की कृपा करें या फिर हो सके तो अगर हो सके तो मेरे साथ पूरे धाम तक यात्रा करें मैं अव्यवस्था दिखा सकता हूं। जब मैं जम्मू जाने के लिए बस पकड़ने आया तो देखा कि बस 1 है और यात्री 10 बसों के। यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर बस की खिड़की से बस में चढ़ रहे थे। अनिल ने बोर्ड से आग्रह किया है कि वो आस्था को व्यापार न बनायें।