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टिप्पणी: लालू बोले, नीतीश मेरे पांव में गिर गया तो मैं क्या करता?
पटना। बिहार में करीब 20 वर्षों के बाद करीब तो आए पर कहीं लालू यादव की पारपंरिक व्यंग्य शैली गठबंधन की गांठ बीच में ही ना खोल दे। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद नीतीश कुमार गठबंधन के लिए जब उनका पैर पकड़कर बैठ गए थे तो वह क्या करते, क्या उन्हें उठाकर फेंक देते।
-
बयान
के
बाद
जेडीयू
कार्यकर्ताओं
में
भारी
नाराजगी
है
लेकिन
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेता
इस
पर
कल
खुलकर
कुछ
भी
कहने
से
किनारा
कर
रहे
हैं।
नीतीश
कुमार
से
मुलाकात
के
बाद
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
शरद
यादव
ने
लालू
यादव
को
इशारों
में
ही
गठबंधन
के
नेताओं
के
बारे
में
असम्मानजनक
बातें
नहीं
कहनी
चाहिए
थीं।
-
बयान
के
विरोध
में
कहा
गया
कि
नेताओं
की
कही
गईं
बातों
का
असर
जमीनी
स्तर
के
कार्यकर्ताओं
तक
होता
है।
नेताओं
को
यह
भी
ध्यान
रखना
चाहिए
कि
यह
गठबंधन
देश
और
राज्य
को
साम्प्रदायिक
शक्तियों
से
बचाने
के
लिए
तय
हुआ
है।
-
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
जेडीयू
के
वरिष्ठ
नेता
और
पूर्व
मंत्री
शकुनी
चौधरी
ने
लालू
प्रसाद
यादव
के
बयान
पर
तीखी
प्रतिक्रिया
व्यक्त
करते
हुए
कहा
था
कि
अगर
नीतीश
कुमार
में
शर्म
बाकी
है
तो
उन्हें
इस
बयान
के
बाद
राजनीति
से
संन्यास
ले
लेना
चाहिए।
पढ़ें-
निशाना
चूक
ना
जाए
हालांकि
आगामी
चुनाव
के
लिए
प्रचार-प्रसार
वहां
थम
चुका
है।
यह
तो
बिहार
की
जनता
भी
समझ
रही
है
कि
गठबंधन
अपनी-अपनी
ताकत
को
बचाए-बनाए
रखने
के
लिए
किया
गया
है
पर
कहीं
ऐसा
ना
हो
कि
लालू
की
व्यंग्यात्मक
शैली
से
गठबंधन
की
गांठ
बीच
में
ही
खुल
जाए।
Comments
English summary
Nitish Kumar touched my feet for alliance says Bihar Lalu Yadav
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