इलेक्ट्रिक वाहनों पर बोले गडकरी- भारत में कार बनाने से टेस्ला को होगा फायदा
नई दिल्ली, 2 मई: दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग काफी ज्यादा बढ़ रही है, लेकिन अभी ये भारत की सड़कों पर कम नजर आती है। इसके पीछे की वजह इलेक्ट्रिक वाहनों की ज्यादा कीमत को बताया जा रहा है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का बयान इस मुद्दे पर सामने आया है। उन्होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब देश में सभी इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल वाहनों की कीमत से कम होंगी। वहीं अगर टेस्ला इंडिया में अपने इलेक्ट्रिक कार को बनाती है, तो इससे उन्हें भी लाभ मिलेगा।
दरअसल टेस्ला दूसरे देशों में कार का निर्माण कर उसे भारत में बेचना चाहती है, लेकिन मोदी सरकार इस पर तैयार नहीं है। सरकार ने साफ कह दिया है कि जब तक टेस्ला भारत में कार का निर्माण नहीं करती, तब तक उसको आयात शुल्क में कोई राहत नहीं दी जाएगी। बीते 26 अप्रैल को गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपने ईवी का निर्माण करने के लिए तैयार है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन कंपनी को चीन से कारों का आयात नहीं करना चाहिए।
पिछले साल भी टेस्ला ने भारी उद्योग मंत्रालय से अनुरोध किया था कि वो टैक्स में रियायत दे, जिस पर सरकार ने कहा कि वो किसी भी प्रकार की कर रियायत से पहले भारत में अपने वाहनों का निर्माण शुरू करे। ऐसे में अभी आप टेस्ला की कार भारत में खरीदते हैं तो इंजन के आकार और लागत, बीमा और माल ढुलाई पर 60-100 प्रतिशत तक सीमा शुल्क देना पड़ेगा। जिस वजह से टेस्ला की गाड़ियों की कीमत भारत में दोगुनी है।
एलन मस्क की टेस्ला 15 सालों में कैसे दुनिया की टॉप कंपनियों में हुई शामिल?
कुछ
लोगों
के
पास
है
टेस्ला
वैसे
भारत
में
अभी
टेस्ला
ने
कोई
शोरूम
तो
नहीं
खोला,
लेकिन
कुछ
चुनिंदा
लोगों
के
पास
टेस्ला
की
कार
है।
इसमें
मुकेश
अंबानी,
एस्सार
ग्रुप
के
प्रशांत
रुईया
और
एक्टर
रितेश
देशमुख
का
नाम
शामिल
है।
इन
लोगों
ने
कार
को
खरीदने
के
लिए
करोड़ो
रुपये
का
आयात
शुल्क
दे
दिया।