नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने दिया मोदी सरकार को झटका, कहा- 70 सालों के खराब दौर में देश की अर्थव्यवस्था
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नई दिल्ली। आर्थिक मंदी को लेकर चिंता के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आगे आएं। वहीं, उन्होंने मौजूदा आर्थिक गिरावट को 'अभूतपूर्व स्थिति' करार देते हुए कहा कि पिछले 70 सालों में हमने लिक्विडिटी को लेकर इस तरह की स्थिति का सामना नहीं किया है, जब समूचा वित्तीय क्षेत्र आंदोलित है।
लिक्विडिटी की हालत पर क्या बोले राजीव कुमार
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि निजी निवेश तेजी से बढ़ने से भारत को मध्यम आय के दायरे से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। लिक्विडिटी की हालत पर बोलते हुए राजीव कुमार ने कहा कि कोई भी किसी पर भी भरोसा नहीं कर रहा है, ये स्थिति केवल सरकार और प्राइवेट सेक्टर के बीच नहीं है, बल्कि प्राइवेट सेक्टर के भीतर भी है, जहां कोई भी किसी को उधार देना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि इन पैसों को बाजार में लाने के लिए सरकार को अतिरिक्त कदम उठाने होंगे।
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खराब दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था- राजीव कुमार
राजीव कुमार ने कहा कि दो मुद्दे हैं, एक आपको ऐसे कदम उठाने होंगे ,जो सामान्य से अलग हों। दूसरा, मुझे लगता है कि सरकार को वह कदम उठाना चाहिए जिससे प्राइवेट सेक्टर की चिंताओं में से कम से कम कुछ को दूर किया जाए। देश के शीर्ष अर्थशास्त्री की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब देश की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। राजीव कुमार ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी के साथ-साथ दिवालिया कानून के कारण पूरी प्रक्रिया बदल गई।
प्रशासन प्रकिया को तेज करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा- नीति आयोग के उपाध्यक्ष
उन्होंने कहा कि पहले 35 फीसदी नकदी घूम रही थी, अब ये बहुत कम हो गई है, इन सब कारणों से एक जटिल स्थिति बन गई है। इसका कोई आसान समाधान नहीं है। सरकार और उसके विभागों द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए भुगतान में देरी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ये भी सुस्ती की एक वजह हो सकती है। प्रशासन प्रकिया को तेज करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।