निर्भया केस: दोषी पवन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नाबालिग होने के दावे वाली याचिका खारिज
नई
दिल्ली।
निर्भया
केस
के
चारों
दोषियों
में
से
एक
पवन
कुमार
गुप्ता
को
सुप्रीम
कोर्ट
से
बड़ा
झटका
लगा
है।
दोषी
पवन
की
स्पेशल
लीव
पिटिशन
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
खारिज
कर
दिया,
जिसमें
दोषी
की
तरफ
से
दावा
किया
गया
था
कि
वारदात
के
वक्त
वह
नाबालिग
था।
इस
मामले
में
दायर
याचिका
पर
सुनवाई
के
दौरान
दोषी
पवन
के
वकील
ने
दलील
देते
हुए
कहा
था
कि
वारदात
के
वक्त
उसकी
उम्र
17
साल,
1
महीने
और
20
दिन
थी।
दोषी पवन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि इसमें किसी नए तथ्य को नहीं रखा गया है। इसके पहले, दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच के सामने दलील दी थी कि अपराध के वक्त उम्र को ध्यान में रखते हुए उसकी भूमिका को एक किशोर के रूप में देखा जाना चाहिए। वहीं, वकील की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि 9 जुलाई, 2018 को कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन अब एक और याचिका के जरिए इसी मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं।
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निर्भया की मां बोलीं- फांसी में देरी की कोशिश नाकाम हुई
इसपर, दोषी की तरफ से वकील ने कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट के सामने भी नाबालिग होने के तथ्य को रखा गया था लेकिन तब अदालत ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट के मुताबिक, चारों दोषियों को 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाना है। दिल्ली हाईकोर्ट से इस मामले में याचिका खारिज होने के बाद पवन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी पवन की याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां का बयान आया। आशा देवी ने कहा, 'फांसी में देरी करने की कोशिश कोर्ट में खारिज हो गई है। मैं केवल तभी संतुष्ट हो पाऊंगी जब वे 1 फरवरी को फांसी पर लटकाए जाएंगे। जैसे वे एक के बाद एक फांसी में देरी के हथकंडे अपना रहे हैं, वैसे ही उन्हें एक-एक कर फांसी पर लटकाया जाना जाना चाहिए ताकि उनको कानून के साथ खिलवाड़ करने का नतीजा समझ आए।'
चारों दोषियों को दी जानी है 1 फरवरी को फांसी
बता दें कि सात साल पहले, साल 2012 में दिल्ली में 6 दरिंदों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया से गैंगरेप किया था। वे दरिंदगी की वो सारी हदें पार गए, जिसे देखकर कोई भी दहशत में आ जाए। वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था। दोषियों ने लोहे की रॉड से पीड़िता पर वार किया था। इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था। बुरी तरह जख्मी पीड़िता ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।