Terror Funding Case: हाफिज सईद समेत खूंखार आतंकियों पर UAPA की कार्रवाई के बाद कोर्ट ने बढ़ाई हिरासत अवधि
नई दिल्ली, 24 मार्च। राष्ट्रीय जांच एजेंसी कोर्ट (NIA Court) ने आतंकी फंडिंग केस (Terror Funding Case) में बंद आरोपियों की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के फाउंडर व आतंकी हाफिज सईद (Hafij Saeed), हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सलाहुद्दीन, कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, शब्बीर शाह समेत अन्य कई आतंकियों पर यूएपीए के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आरोप तय करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद एनआईए विशेष अदालत ने दूसरा बड़ा निर्णय है। जिसके तहत आतंकियों कि हिरासत अवधि बढ़ाने के साथ ही एनआईए को जांच के लिए समय दिया गया है।
जम्मू कश्मीर आंतकी हमले (Terror Funding Case) के लिए फंडिंग के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कि विशेष अदालत सुनवाई कर रही है। मामले में गत 19 मार्च यानी शनिवार को एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने एक बड़ा फैसला सुनाया था। जिसके तहत कोर्ट ने अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होकर जम्मू और कश्मीर राज्य में अशान्ति फैलाने के पर कई आतंकियों पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। एनआईए कोर्ट ने अपने आदेश में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद ( Hafij Saeed), हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, मसरत आलम, शब्बीर शाह समेत कई अलगाववादियों के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। वहीं अब मामले में एनआईए की जांच बढ़ने के साथ आरोपियों की हिरासत और जांच की अवधि कोर्ट ने बढ़ा दी है।
भारत में आतंक के जरिए अशांति फैलाने के मामले में गृह मंत्रालय की ओर से कई आतंकियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। अब तक भारत सरकार की ओर से UAPA कानून के तहत 31 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। भारत सरकार की ओर जारी UAPA के लिस्ट में सबसे पहला नाम मौलाना मसूद अजहर का है, इसके बाद दूसरे नंबर पर हाफिज मुहम्मद सईद, दाऊद इब्राहिम कास्कर, जकी-उर-रहमान लखवी, सैयद सलाहुद्दीन जैसे लोगों के नाम हैं, जो मोस्ट वांटेड अपराधी हैं।
UAPA
के
तहत
कई
आतंकियों
के
पर
कसेगा
शिकंजा
गत
16
मार्च
को
NIA
के
विशेष
न्यायाधीश
प्रवीण
सिंह
ने
पारित
एक
आदेश
में
कहा
था
कि
गवाहों
के
बयान
और
दस्तावेजी
सबूतों
ने
लगभग
सभी
आरोपियों
को
एक-दूसरे
के
साथ
और
अलगाव
के
एक
सामान्य
उद्देश्य
से
जोड़ा
है।
वहीं
अब
जम्मू
कश्मीर
राज्य
में
अशांति
फैलाने
और
आतंकी
गतिविधियों
के
लिए
फंडिंग
करने
के
मामले
में
एनआईए
के
निर्णय
के
बाद
कई
आतंकी
राष्ट्रीय
सुरक्षा
एजेंसियों
के
निशाने
पर
होंगे।
एनआए
कोर्ट
ने
अपने
आदेश
में
व्यवसायी
जहूर
अहमद
शाह
वटाली,
बिट्टा
कराटे,
कश्मीरी
राजनेता
और
पूर्व
विधायक
इंजीनियर
रशीद,
नईम
खान,
बशीर
अहमद
भट
उर्फ
पीर
सैफुल्ला,
आफताब
अहमद
शाह
और
अवतार
अहमद
शाह
समेत
कई
अन्य
के
विरुद्ध
आरोप
तय
करने
का
भी
आदेश
दिया
है।
आतंकियों
पर
आपराधिक
साजिश,
गैरकानूनी
गतिविधियां
में
संलिप्त
रहने
और
देश
के
खिलाफ
युद्ध
छेड़ने
जैसे
आरोप
हैं।
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद
साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार हाफिज सईद को माना जाता है। एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने यह माना है कि हाफिज सईद, यासीन मलिक, सैयद सलाहुद्दीन जैसे लोगों ने आतंक फैलाने के लिए फंडिंग की थी। देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकवादी हमले के लिए पैसा पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की ओर से भेजा गया था। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि खूंखार आतंकी हाफिज सईद ने मुंबई आतंकी हमले के लिए भारत में फंडिंग की थी।
संयुक्त
राष्ट्र
की
आतंकी
सूची
में
हाफिज
सईद
का
नाम
हाफिज
सईद
आतंकी
संगठन
लश्कर-ए-तैयबा
का
लीडर
है।
यह
संगठन
मुंबई
हमले
का
जिम्मेदार
है।
साल
2008
में
हुए
इस
हमले
में
166
लोगों
की
मौत
हुई
थी
और
हजारों
की
संख्या
में
लोग
घायल
हुए
थे।
मृतकों
में
6
अमेरिकी
नागरिक
भी
शामिल
थे।
जिसके
बाद
संयुक्त
राष्ट
ने
हाफिज
सईद
पर
शिकंजा
करते
हुए
उसका
नाम
आतंकियों
की
सूची
में
डाल
दिया
था।
अब
तक
31
लोगों
के
विरुद्ध
UAPA
तहत
हुई
कार्रवाई
भारत
सरकार
की
ओर
से
अब
तक
31
व्यक्तियों
को
आतंकवादी
घोषित
किया
गया
है।
गृह
मंत्रालय
ने
UAPA
कानून
के
तहत
इन
सभी
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
है।
संसद
के
सदन
में
बजट
सत्र
के
पहले
चरण
में
सांसद
ए
विजयकुमार
के
सवाल
पर
गृह
मंत्रालय
की
ओर
से
यह
जानकारी
दी
गई
थी।
सदन
में
गृह
मंत्रालय
की
ओर
से
कहा
गया
था
कि
देश
में
मोस्ट
वांटेड
कैटेगरी
की
लिस्ट
में
31
लोग
शामिल
हैं
और
उनकी
हर
हरकत
पर
नजर
रखी
जाती
है।