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वाराणसी: नरेंद्र मोदी के नामांकन में NDA के शक्ति-प्रदर्शन के मायने

वरिष्ठ पत्रकार शंकर अय्यर मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन में एनडीए का शक्ति-प्रदर्शन महज़ इत्तेफाक नहीं है.

By BBC News हिन्दी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Getty Images
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी से अपना नामांकन दाख़िल कर दिया. इस मौक़े पर भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए के कई बड़े नेता वाराणसी में मौजूद रहे.

प्रधानमंत्री मोदी ने नामांकन से पहले कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और ये संकेत भी दिया कि नामांकन के बाद शायद वो प्रचार के लिए वाराणसी को समय न दे सकें.

मोदी ने नामांकन के पहले काल भैरव के मंदिर में पूजा की. एक दिन पहले उन्होंने वाराणसी में रोड शो के जरिए भी शक्ति प्रदर्शन किया था.

सुषमा स्वराज, अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार, लोजपा नेता रामविलास पासवान और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल भी वाराणसी पहुंचे.

वरिष्ठ पत्रकार शंकर अय्यर मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन में एनडीए का शक्ति-प्रदर्शन महज़ इत्तेफाक नहीं है.

वो कहते हैं, "पांच साल पहले 2014 में उन्होंने बाहरी और प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था. लेकिन आज उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री नामांकन किया. उन्होंने बीते पांच साल में किए काम के आधार पर दोबारा चुने जाने के लिए नामांकन किया."

एनडीए की एकजुटता

लेकिन नामांकन के इस जलसे में एनडीए नेताओं की मौजूदगी भी 2014 के मुक़ाबले एक बड़ा फ़र्क पैदा कर रही थी.

शंकर अय्यर इसे एक ख़ास संदेश देने की कोशिश मानते हैं. वो कहते हैं, "बहुत विश्लेषक कयास लगा रहे हैं कि भाजपा की सीटें बहुमत से कम रह सकती हैं और ऐसे समय में उसे विश्वस्त सहयोगियों की ज़रूरत होगी."

"इसलिए तीन चरणों के चुनाव के बाद भाजपा ये संदेश दे रही है कि उसमें ख़ुद भी क्षमता है और ज़रूरत पड़ने पर वह एनडीए के अगुवा के तौर पर सभी घटक दलों को भी साथ लेकर आ रही है. वो दिखा रही है कि ये चुनाव एनडीए की ओर से ही लड़ा जा रहा है. चुनाव परिणाम से पहले अपने आप में यह बड़ा संदेश है."

भाजपा ने कि चुनाव शुरू होने से पहले ही एनडीए गठबंधन को मज़बूत रखने की अतिरिक्त कोशिशें कीं थीं.

शिवसेना नेताओं की ओर से कई बार भाजपा के लिए तल्ख़ टिप्पणियां की गईं लेकिन अमित शाह ने उद्धव के साथ बैठक करके उन्हें मना लिया.

तमिलनाडु में भाजपा ने अपने प्रयासों से एआईएडीएमके के साथ गठबंधन किया. बिहार में भाजपा ने जदयू और लोजपा के लिए 2014 में जीती हुई सीटें भी छोड़ दीं.

इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी अपना दल के साथ टकराव को ख़त्म करके अनुप्रिया पटेल को मना लिया गया.

शंकर अय्यर के मुताबिक, "आज भाजपा ने अपने सारे विकल्पों को सामने रखा है."

वो इसे विपक्ष के लिए भी एक संदेश मानते हैं. उनके मुताबिक, "वो महागठबंधन को महामिलावट कहते रहे हैं और अंतत: प्रियंका गांधी के उनके ख़िलाफ़ उतरने की चर्चाएं अटकलें ही साबित हुईं और उनके ख़िलाफ़ सभी भाजपा विरोधी पार्टियां एकजुट नहीं हो सकीं."

हालांकि वो ये भी याद दिलाते हैं कि गांधी परिवार के किसी सदस्य ने सिर्फ़ कड़ी टक्कर देने के मक़सद से कभी चुनाव हारने का ज़ोख़िम नहीं लिया. वो कहते हैं, "प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ें और हार जाएं, इसमें कोई तर्क नहीं था. इससे आप क्या संदेश देंगे?"

"संदेश ही देना था तो विपक्ष का एक संयुक्त प्रत्याशी उतार देते. लेकिन वो भी नहीं हो सका."

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BBC
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'इस बार एक रिकॉर्ड बनाना है'

नामांकन दाख़िल करने से पहले प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को ही कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित किया. पढ़िए उनके इस भाषण की अहम बातें क्या रहीं:

  • मुझे हर पोलिंग बूथ जीतना है. जैसे श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठाया था, आपके प्रयत्न से हमें 21वीं सदी में भारत माँ को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है.
  • हमें तय करना चाहिए कि अगर हमारे पोलिंग बूथ में 100 वोट पड़ते हैं तो 105 माताओं-बहनों के पड़ें. दूसरा जो इस बार पहली बार वोट दे रहा है, उनकी लिस्ट बनाइए, उन सबको बुलाइए.
  • मेरी एक इच्छा है जो मैं गुजरात में भी पूरा नहीं कर पाया. बनारस वाले मेरी वो इच्छा पूरी कर सकते हैं क्या? मैं चाहता हूं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान 5 प्रतिशत ज़्यादा होना चाहिए.
  • कल सोशल मीडिया पर लोगों ने मुझे बहुत डांटा कि रोड शो बंद कर दीजिए, अपनी सुरक्षा का ध्यान रखिए. लेकिन मोदी का कोई ध्यान रखता है तो इस देश की करोड़ों माताएं. वे शक्ति बनकर मेरा सुरक्षा कवच बनती हैं.
  • इस चुनाव में हमें कुछ रिकॉर्ड भी तोड़ने हैं. मैं चाहता हूं कि लोकतंत्र जीतना चाहिए. रिकॉर्ड ये तोड़ना है कि अब तक बनारस में, उत्तर प्रदेश में जितना मतदान हुआ है, उससे कहीं ज्यादा वोटिंग हो. दुनिया को दिखा देना है कि मतदान के सारे रिकॉर्ड हम तोड़ देंगे.
  • इस चुनाव के दो पहलू हैं- एक है काशी लोकसभा जीतना. मेरे हिसाब से ये काम कल पूरा हो गया है. एक काम अभी बाकी है वो है पोलिंग बूथ जीतना और एक भी पोलिंग बूथ पर भाजपा का झंडा झुकने नहीं देना.
  • एक-एक वोट बहुत महत्वपूर्ण होता है भाजपा के कार्यकर्ता के नाते बनारस वालों की कठिनाई बहुत है. क्योंकि और जगह तो सबका उम्मीदवार साथ चलकर प्रचार करता है लेकिन आप इतने कम नसीब हैं कि आपका उम्मीदवार तो पर्चा भरकर ही यहां से चला जायेगा. लेकिन आपका उम्मीदवार इतना भाग्यवान है कि वो कहीं भी रहे यहां का कार्यकर्ता अपने भीतर खुद को उम्मीदवार मानता है.
  • आज पार्टी हमारी बढ़ी है उसका कारण टीवी या अख़बार नहीं है. हम बड़े परिवार से नहीं आये हैं, हम छोटे-छोटे कार्यकर्ता हैं. जैसे रामजी के पास पूरी वानर सेना थी, जैसे कृष्ण जी के पास ग्वाले थे, वैसे ही हम भारत माँ के सिपाही हैं.
  • मेरे भीतर के कार्यकर्ता को मैंने कभी मरने नहीं दिया. प्रधानमंत्री के रूप में मैं जो जिम्मेदारी निभा रहा हूं उसमें भी और एक सांसद के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति उतना ही सजग हूं.
  • सरकार बनाना जनता का काम है और सरकार चलाना हमारी ज़िम्मेदारी है और ये ज़िम्मेदारी मैंने पूरी ईमानदारी से निभाई है. आपको मैं कार्यकर्ता के तौर पर हिसाब देता हूं. कार्यकर्ता के नाते पार्टी ने पांच साल में मुझसे जितना समय मांगा, जहां मांगा मैंने एक बार भी मना नहीं किया.
  • हम सब कार्यकर्ता निमित्त मात्र हैं और जनता चुनाव लड़ रही है. जनता पांच साल के अनुभव के आधार पर अनेक आशा, आकांक्षा लेकर हमसे जुड़ गई है. जनता ने पूरे देश के राजनीतिक चरित्र को बदल दिया है.
BBC Hindi
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English summary
NDAs power performance points in Narendra Modis nomination in Varanasi
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