नवजोत सिंह सिद्धू ने आत्मसमर्पण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगा समय, बताया ये कारण
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से आत्मसमर्पण करने के लिए और समय देने का आग्रह किया।
नई दिल्ली, 20 मई: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से आत्मसमर्पण करने के लिए और समय देने का आग्रह किया। सिद्धू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि सिद्धू आत्मसमर्पण कर देंगे लेकिन वह अपने स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से निपटने के लिए कुछ दिनों का समय चाहते हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए सिद्धू ने आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा है। अदालत ने उनसे एक औपचारिक आवेदन दायर करने और भारत के मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय के समक्ष इसका उल्लेख करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तीन दशक पुराने रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ सजा के मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया और उन्हें एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
सिद्धू पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था
मामला सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। इससे पहले, सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, लेकिन स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। अदालत ने सिद्धू पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था और मामले में सिद्धू के सहयोगी रूपिंदर सिंह संधू को भी बरी कर दिया था। पटियाला के सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने 22 सितंबर 1999 को सिद्धू और उनके सहयोगी को मामले में सबूतों के अभाव और संदेह का लाभ देने के कारण बरी कर दिया।
वार करने से हो गई थी मौत
इसके बाद पीड़ित परिवारों ने इसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने 2006 में सिद्धू को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू ने इस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में अपील दायर की। 27 दिसंबर, 1988 को सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह के सिर पर वार किया, जिससे उनकी मौत हो गई।
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क्या
होता
अगर
नवजोत
सिंह
सिद्धू
को
2
साल
की
सजा
होती,
बहुत
कुछ
लग
जाता
दांव
पर