जानिए, फैमिली फ्रेंड जय पांडा से क्यों टूटी ओडिशा के सीएम की दोस्ती?
नई दिल्ली- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने फैमिली फ्रेंड और बीजू जनता दल (BJD) के पूर्व सांसद जय पांडा से दोस्ती टूटने के बारे में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। गौरतलब है कि अब पांडा बीजेडी (BJD) से अलग हटकर बीजेपी से जुड़ चुके हैं।
'क्षेत्र पर नहीं, अपनी कंपनी के विकास पर ध्यान'
नवीन पटनायक ने एक इंटरव्यू में उन 3 वजहों का जिक्र किया है, जिसके चलते आखिरकार केंद्रपाड़ा के सांसद के साथ उनकी पारिवारिक दोस्ती और सियासी रिश्ते टूट चुके हैं। पहले कारण के तौर पर उन्होंने बताया कि , "मैं केंद्रपाड़ा में रेलवे के विकास पर नजर रख रहा था। तटीय क्षेत्र का यह एकमात्र जिला है, जहां रेलवे का कोई विकास नहीं हुआ है। एक पूर्व रेल मंत्री ने हंसते हुए कहा था कि 'आप केंद्रपाड़ा में रेलवे के विकास पर नजर डाले हुए हैं और आपके सांसद (जय पांडा) को सिर्फ पनी माइनिंक कंपनियों तक रेलवे के विकास की चिंता है।' इससे मुझे धक्का लगा।"
'मेरी सेहत को लेकर अपवाह फैलाई'
पटनायक के मुताबिक केंद्रपाड़ा में रेलवे के विकास के अलावा एक और दूसरा कारण भी रहा, जिसके चलते पांडा से उनके रिश्तों में खटास आ गई। उन्होंने बताया कि, "2014 के बाद, दिल्ली के मेरे कई दोस्तों ने मुझे बहुत चिंतित होकर फोन किया, क्योंकि उन्होंने सोचा था कि मेरी तबीयत बहुत खराब है। लेकिन, मेरा स्वास्थ्य हमेशा ठीक था और मैंने उन्हें बताया भी। उन्होंने मुझे बताया कि ये सब बिजयंत पांडा फैला रहे हैं। इससे मुझ बहुत ठेस पहुंचा।" गौरतलब है कि 5 अप्रैल को पटनायक के ऑफिस ने एक विडियो जारी कर सीएम को अपने घर पर एक्सरसाइज करते दिखाया था। यह इसलिए किया गया, ताकि मुख्यमंत्री की खराब सेहत के बारे में बीजेपी गलत बातें न फैला सके। अब नवीन पटनायक सीधा बिजयंत पांडा पर अफवाह की यह मुहिम चलाने का आरोप लगा रहे हैं।
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'अपने फायदे के लिए काम'
ओडिशा के सीएम ने तीसरे और आखिरी कारण बताते हुए साफ किया कि अब पांडा के बीजेडी में वापसी की कोई वजह बची नहीं है। पटनायक के अनुसार, "वो (बिजयंत पांडा) वित्त मामलों की संसदीय समिति का अध्यक्ष बनना चाहते थे। हमारी पार्टी के पास जरूरी नंबर नहीं थे, इसलिए उन्होंने बीजेपी का समर्थन लेने के लिए सोचा था। मुझे नहीं लगा था कि यह एक अच्छा आइडिया है और मैंने उनकी कंपनी की फाइनेंशियल डीलिंग के चलते उनका समर्थन नहीं किया। मुझे नहीं लगा था कि यह एक अच्छा उदाहरण नहीं होगा।" उन्होंने ये भी दावा किया कि उनकी कंपनियों की प्रतिष्ठा संदिग्ध है। गौरतलब है कि पांडा इसबार बीजेपी के टिकट पर केंद्रपाड़ा से ही अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पार्टी ने उन्हें उपाध्यक्ष बनाया है। पांडा अपनी कंपनियों को लेकर उनपर लगे आरोपों को पहले खारिज भी कर चुके हैं। केंद्रपाड़ा में चौथे चरण यानी 29 अप्रैल को चुनाव होना है और सोमवार को वहां प्रधानमंत्री भी उनके पक्ष में प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच पार्टी में उनकी वापसी की किसी भी संभावना से भी पटनायक ने ये कहकर इनकार कर दिया है कि उनका राजनीतिक गोल बहुत बड़ा है और वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में बहुत ज्यादा शामिल हो चुके हैं।
'पीएम मोदी से व्यवहारिक संबंध'
प्रधानमंत्री मोदी के साथ 'पर्फेक्टली सिविल' संबंध की बात बताते हुए, पटनायक ने कहा है कि भाजपा पूर्वी भारत में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, लेकिन वो ओडिशा में कामयाब नहीं होगी। इस दौरान पटनायक ने कहा कि वे राहुल गांधी से कभी नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता यानी बिजू पटनाक और गांधी परिवार के रिश्ते अगली पीढ़ी में आगे नहीं बढ़ पाया। लोकसभा चुनाव के बाद की परिस्थियों के बारे में उन्होंने कहा है कि बीजेडी उस पार्टी का समर्थन करेगी, जो ओडिशा के हित का ख्याल रखेगी।
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