नागपुर हत्याकांड: अजर-अमर होने की ख्वाहिश में भाई ने बहन के परिवार को उतारा था मौत के घाट
नागपुर।
बीते
दिनों
नागपुर
में
एक
ही
परिवार
के
पांच
लोगों
की
निर्मम
हत्या
के
मामले
में
नया
मोड़
आ
गया
है।
पूरे
प्रदेश
को
झकझोर
कर
रख
देने
वाली
इस
वारदात
को
अंजाम
देने
वाले
विवेक
पालटकर
के
बारे
में
नई
जानकारी
सामने
आई
है।
उसके
घर
की
तलाशी
में
पुलिस
टीम
को
जो
भी
कुछ
बरामद
हुआ
उससे
अनुमान
लगाया
जा
रहा
है
कि
इस
हत्याकांड
को
गुप्तधन,
अमरत्व,
चिरयौवन
हासिल
करने
की
अंधश्रद्धा
के
चलते
अंजाम
दिया
गया
होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवेक पालटकर ने रविवार की मध्यरात्रि के बाद अपनी बहन अर्चना, उसके पति कमलाकर, पुत्री वेदांती और सास मीराबाई पवनकर के साथ अपने खुद के चार साल के पुत्र कृष्णा की निर्ममता से हत्या कर दी। दूसरे दिन यह भीषण हत्याकांड के उजागर होने के बाद से विवेक फरार है, पांच दिनों बाद भी उसे ढूंढ निकालने में पुलिस अब तक नाकाम साबित रही है। हांलाकि वह जिस किराए के कमरे में वह रहता था उसे पुलिस ने खोज निकाला है। यह कमरा उसने बुजुर्ग महिला सुशीलाबाई से माहभर पूर्व किराए पर लिया था। वहां जो भी कुछ मिला उसे देख पुलिस टीम अचंभित रह गई है।
पुलिस ने विवेक पालटकर के घर में मिले कैलेंडर में मृतकों के नाम और उनके सामने मृत लिखा पाया। हत्याकाण्ड को अंजाम देने के बाद खून से सने अपने कपड़ों को वहीं रखकर तड़के उसने कुंए पर स्नान किया और उसके बाद कोई अघोरी पूजा की। इस पूजा में इस्तेमाल की गई गुड़िया, निम्बू, हल्दी-कुमकुम, चावल के दाने, बहन अर्चना के बाल औऱ मुर्गी के पंख आदि सामग्री भी पाई गई। यह सब पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस को शक है कि पालटकर ने गुप्तधन, चिरयौवन या अमरत्व पाने की लालसा में अंधश्रद्धा के चलते इस निर्मम हत्याकांड को अंजाम दिया है। खैर विवेक पालटकर की गिरफ्तारी के बाद ही असलियत सामने आ सकेगी, फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
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