जब पीएम मोदी और पुतिन के साथ खड़ा हुआ स्कूल की आया का बेटा
बिलासपुर। नई दिल्ली के आईआईटी भवन में इनोवेशन फेस्टिवल का आयोजन चल रहा था। कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी मौजूद थे। दुनिया की इन दो ताकतवर हस्तियों- पीएम मोदी और पुतिन के साथ छत्तीसगढ़ का एक होनहार भी था, जिसकी मां सैकड़ों किलोमीटर दूर टीवी पर टकटकी जमाए अपने लाल को देख रही थी। जो सच हो रहा था, वह ऐसा ख्वाब था, जिसका ख्याल भी उन्हें नहीं आया। एक स्कूल में आया का काम करने वाली सरस्वती अग्रवाल मानो उस पल को संजोकर यादों के बक्से में हमेशा के लिए रख लेना चाहती हैं। सरस्वती अग्रवाल के इस होनहार बेटे का नाम है- अतुल, जिन्होंने 'मोक्षा' नाम का अविष्कार किया है। इसी अविष्कार की बारीकियां उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन को बतलाईं।
चिता की राख को जैविक खाद में बदल देता अतुल का यंत्र
सरस्वती अग्रवाल बड़े ही संघर्ष के साथ बेटे अतुल और बेटी अर्पिता को शिक्षित कर रही हैं। मां के संघर्ष की कहानी बेटे से भी छिपी नहीं, इसलिए वह कड़ी मेहनत कर न केवल परिवार का बल्कि देश का भी नाम रोशन कर रहा है। अतुल ने 'मोक्षा' नाम का यंत्र तैयार किया है, जिसकी मदद से चिता की राख को जैविक खाद में तब्दील किया जा सकता है। अपने इसी अविष्कार के बारे में अतुल ने पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति को बताया। दोनों अतुल के अविष्कार से बेहद प्रभावित हुए। अतुल के ही स्कूल के एक अन्य छात्र ने 'ईको जिम' की खोज की है, जिसके जरिए कसरत करते वक्त बिजली भी तैयार की जा सकती है।
अखबार बांटते-बांटते किया अतुल ने अविष्कार
अतुल अपनी की स्थिति समझते हैं, इसलिए वह घर चलाने में भी उनका हाथ बटाते हैं। अतुल सुबह अखबार बांटते हैं। वह सुबह चार उठते हैं। सबसे पहले अखबार बांटते हैं और उसके बाद स्कूल जाते हैं। अतुल बिलासपुर के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई के साथ ही लैब में भी चार से पांच घंटे बिताते हैं।
अखबारों में खबर छपने के बाद चर्चा में आया अविष्कार
अतुल अग्रवाल के अविष्कार के बारे में अखबार में खबर छपीं, जिसके बाद नीति आयोग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी जुटाई और उसे परखा। इसके बाद अतुल अग्रवाल और उन्हीं के स्कूल के योगेश को टॉप 5 में चुना गया। योगेश ने जिम की मदद से बिजली बनाने का अविष्कार किया है।