Monkeypox Death : यूएई से लौटे संक्रमित युवक की 8 दिन बाद हुई मौत, 20 लोगों की निगरानी कर रही सरकार
मंकीपॉक्स से केरल में मौत के मामले में यूएई कनेक्शन उभरा है। जानकारी के मुताबिक जिस युवक की केरल में मंकीपॉक्स से मौत हुई है, उसने हाल ही में यूएई की यात्रा की थी। momonkeypox kerala death uae travel history health
त्रिशूर (केरल) : भारत में कोरोना संकट समाप्त होने से पहले ही मंकीपॉक्स का कहर शुरू हो गया है। केरल में युवक की मौत के मामले में युवक की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली गई। जानकारी मिली है कि युवक यूएई से भारत लौटा था। युवक भारत लौटने पर जिस भी जगह गया, उसे चिह्नित किया गया है। मरने के पहले युवक जिन लोगों के संपर्क में आया उनको क्वारंटीन होने को कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
मंकीपॉक्स से संदिग्ध मौत के मामले में केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को कहा, एक लड़का 22 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात से लौटा। वह अपने परिवार के साथ था। 26 जुलाई को उसे बुखार हुआ और 27 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने पर 28 जुलाई को मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात से लौटा युवक UAE में 19 जुलाई को मंकीपॉक्स पॉजिटिव पाया गया था।
20 लोगों की निगरानी
उन्होंने कहा कि 30 जुलाई को युवक की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीमें वहां गईं, सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक युवक मंकीपॉक्स पॉजिटिव पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, सरकार ने मंकीपॉक्स मामलों की निगरानी के लिए टीम गठित की है। एनआईवी में जीनोमिक अनुक्रमण की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार, उच्च जोखिम वाले 20 लोगों की पहचान कर निगरानी में रखा गया है। आशंका है कि ये लोग मृतक के संपर्क में आए होंगे। इनमें परिवार के सदस्य, दोस्त और चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं।
क्या छिपाई गई मंकीपॉक्स संक्रमण की जानकारी
दरअसल, केरल में मंकीपॉक्स से संदिग्ध मौत से हड़कंप मचा हुआ है। केरल के अलाप्पुझा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के मुताबिक 22 वर्षीय गल्फ रिटर्न युवक की मौत शनिवार को त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हुई। इससे संबंधित रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार जांच करेगी, कि क्या मंकीपॉक्स संक्रमण की रिपोर्ट छिपाई गई ? खबरों में कहा गया है कि युवक यूएई में ही मंकीपॉक्स संक्रमित पाया गया था। युवक के रिश्तेदारों ने कथित तौर पर उसकी मौत के बाद अस्पताल के अधिकारियों को ट्रैवल हिस्ट्री और मेडिकल रिपोर्ट्स की जानकारी दी।
इलाज में देरी क्यों, सरकार कराएगी जांच
अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, 21 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से आए युवक को 27 जुलाई को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, यह बताया गया कि उन्हें मंकीपॉक्स के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे। रविवार को स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था, उच्च स्तरीय टीम मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि 22 वर्षीय युवक की मंकीपॉक्स से मौत दुर्लभ है। मामले में विस्तृत जांच होगी। इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि 21 जुलाई को आने के बाद भी युवक का इलाज कराने में देरी क्यों हुई ?
जिनसे मिला युवक, सब क्वारंटीन
स्वास्थ्य विभाग ने कुरंजियूर और आसपास के इलाकों में एहतियाती उपाय तेज कर दिए हैं। युवाओं का रूट मैप तैयार किया जा चुका है। जो लोग मृतक 22 वर्षीय युवक के साथ संयुक्त अरब अमीरात की फ्लाइट से ट्रैवल कर कर लौटे थे, इन लोगों को क्वारंटीन होने को कहा गया था। इनमें हवाई अड्डे से लाने वाले टैक्सी चालक, युवक के रिश्तेदार, पड़ोसी और इलाज करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं।
मंकीपॉक्स से घबराने की जरूरत नहीं
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा है मंकीपॉक्स से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने इस बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एएनआई की रिपोर्ट में डॉ पॉल ने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की घबराहट की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन देश और समाज सतर्क रहे, ये महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई लक्षण नजर आता है तो उन्हें समय पर अस्पताल में रिपोर्ट करना जरूरी है।
भारत में मंकीपॉक्स
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 78 देशों से 18,000 से अधिक मंकीपॉक्स मामले सामने आ चुके हैं। गौरतलब है कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स के पांच मामले सामने आए हैं। इनमें से तीन मामले केरल से हैं। एक मंकीपॉक्स केस दिल्ली में जबकि एक आंध्र प्रदेश के गुंटूर में रिपोर्ट किया गया है।
मंकीपॉक्स है क्या
मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक जूनोटिक रोग है, जो वायरस के एक ही फैमिली से संबंधित है। चेचक वाले वायरस की तरह ही मंकीपॉक्स भी वायरस के कारण ही फैलता है। है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह रोग पश्चिम और मध्य अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में अधिक है, लेकिन हाल ही में गैर-स्थानिक देशों से भी मामले सामने आए हैं।