Kerala Floods: मोदी सरकार के मंत्री ने कहा, UAE की सहायता राशि को स्वीकार करना चाहिए
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नई दिल्ली। केरल में आई भयावह बाढ़ में जिस तरह से सैकड़ों लोग मर गए हैं, उसके बाद ना सिर्फ देश के भीतर बल्कि बाहर भी लोग केरल को मदद देने के लिए आगे आए हैँ। यूएई ने केरल को 700 करोड़ रुपए की मदद देने का ऐलान किया था, लेकिन भारत सरकार ने यूएई की मदद लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद से केरल सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठनी हुई है। लेकिन अब खुद केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने सरकार से अपील की है कि सरकार को एक बार यूएई के लिए नियम में बदलाव करना चाहिए।
केरल का विशेष योगदान
अल्फोंस ने कहा कि एनडीए सरकार ने उस कानून का पालन कर रहा है जिसे पूर्व की कांग्रेस सरकार ने बनाया था, जिसके तहत प्राकृतिक आपदा के लिए दूसरे देश से आर्थिक मदद नहीं ले सकते हैं। अल्फोंस ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में केरल ने बारत में विदेशी मुद्रा का संचय बढ़ाने में विशेष योगदान दिया है। यही नहीं पिछले वर्ष केरल ने भारत के विदेशी मुद्रा में 75000 करोड़ का इजाफा किया था, केरल भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है, जोकि देश की अर्थव्यवस्था में विशेष योगदान करता है। इन तमाम कारणों को देखते हुए केरल में आई बाढ़ आपदा को लेकर यूएई सरकार की ओर से की गई आर्थिक मदद को एक बार नियम को दरकिनार करते हुए स्वीकार करना चाहिए। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि एक बार इस नियम में केरल के लिए बदलाव किया जाए।
केरल और केंद्र के बीच ठनी
आपको बता दें कि केरल में आई बाढ़ के बाद कई देशों ने आर्थिक मदद की पेशकश की है, जिससे कि बाढ़ पीड़ितों की मदद की जा सके। लेकिन भारत सरकार ने इन तमाम आर्थिक मदद की पेशकश को ठुकरा दिया है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने भी मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि हमने केंद्र सरकार से 2200 करोड़ की मदद की अपील की थी, लेकिन सिर्फ 600 करोड़ की मदद मिल सकी है।
यूएई ने खुद की है मदद की पेशकश
इसाक ने ट्विटर पर लिखा है कि हम किसी भी दूसरे देश की सरकार से अपील नहीं कर रहे हैं, बल्कि यूएई ने खुद से 700 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, यह नीति कतई सही नहीं है। आपको बता दे कि केरल में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सदी की सबसे भयावह त्रासदी झेल रहे केरल के लोगों को अब जाकर बारिश से राहत मिली है जबकि कई इलाकों में पानी कम होने के बाद जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। केरल के लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास लोगों ने किए हैं। सोशल मीडिया के जरिए भी लोग मदद के लिए आगे आए हैं और इस मुसीबत की घड़ी में उनके साथ खड़े हैं।
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