फर्जी खबर के लिए सोशल मीडिया कंपनियां भी होंगी जिम्मेदार, मोदी सरकार ला रही नया कानून
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी जानकारी फैलाने वालों की अब खैर नहीं है। क्योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अफवाह या आप फिर फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए नया कानून बना लिया है। बस इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलना बाकी है। सूत्रों की माने तो इस नए कानून के पास होने और लागू होने के बाद सोशल मीडिप्लेटफॉर्म फेसबुक के साथ-साथ गूगल जैसी कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है। जानकारी के मुताबिक फेक न्यूज और उसके गलत असर को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मौजूदा आईटी एक्ट की धारा -79 में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
जिसे पीएमओ से हरी झंडी मिल गई और अब कैबिनेट की मंजूरी बाकी है। मंजूरी मिलते ही नया नियम लागू हो जाएगा। मोदी सरकार का ये नया कानून सोशल मीडिया कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है क्योंकि अभी तक ये कंपनियां अपनी जिम्मेदारियों से भागती हुई नजर आई है। कई घटनाओं के बाद भी कंपनियां फेक न्यूज पर पूरी तरह से लगाम लगाने में अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है।
कंपनिया
भी
फेक
कंटेंट
फैलाने
के
लिए
जिम्मेदार
सूत्रों
की
माने
तो
मोदी
सरकार
के
इस
नये
कानून
में
बताया
गया
है
कि
गूगल,
फेसबुक,
वॉट्सऐप
जैसी
कंपनियां
भी
फेक
न्यूज
या
अफवाह
से
जुड़े
कंटेंट
को
फैलाने
के
लिए
जिम्मेदार
होंगी।
बता
दें
कि
अभी
तक
कंटेंट
के
प्रचार
के
लिए
इन
कंपनियों
को
जिम्मेदार
नहीं
माना
जाता
था।
लेकिन
अब
जब
नये
कानून
में
इनकी
जिम्मेदारी
तय
होगी
तो
वे
इन
बातों
को
गंभीरता
से
लेने
के
मजबूर
होंगे।
क्योंकि
खबर
है
कि
सरकार
की
ओर
से
लिखे
गए
एक
दर्ज
से
अधिक
लेटर
का
जवाब
इन
कंपनियों
ने
नहीं
दिया
है
इसके
बाद
इसका
जिम्मा
खुद
पीएमओ
ने
उठाया
है
और
अब
कानून
के
जरिए
इन
कंपनियों
पर
लगाम
लागने
की
कोशिश
की
जा
रही
है।
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