'मिशन शक्ति' को लेकर पीएम मोदी पर भड़कीं मायावती, कह दी बड़ी बात
लखनऊ।
अंतरिक्ष
में
कामयाबी
का
एक
और
परचम
लहराते
हुए
मिशन
शक्ति
की
सफलता
के
साथ
अमेरिका,
चीन
और
रूस
के
बाद
भारत
दुनिया
का
चौथा
सबसे
शक्तिशाली
देश
बन
गया
है।
बुधवार
को
पीएम
मोदी
ने
देश
के
संबोधन
में
इस
बात
की
जानकरी
दी।
पीएम
के
इस
संबोधन
के
बाद
तमाम
राजनीतिक
दिग्गजों
ने
वैज्ञानिकों
को
बधाई
दी
लेकिन
पीएम
मोदी
के
देश
के
नाम
इस
संदेश
पर
सवाल
भी
उठाया।
बसपा
सुप्रीमो
मायावती
ने
पीएम
पर
हमला
बोलते
हुए
ट्वीट
किया
और
कहा
कि
पिछले
अनुभव
साबित
करते
हैं
कि
बीजेपी
के
नेतागण
नये-नये
तरीकों
से
चुनाव
आचार
संहिता
का
उल्लंघन
करने
के
माहिर
व
बदनाम
रहे
हैं
और
कल
फिर
बिना
पूर्व
अनुमति
के
ही
पीएम
श्री
मोदी
ने
देश
को
सम्बोधित
किया
जबकि
कोई
इमरजेन्सी
नहीं
थी।
क्या किया है मायावती ने ट्वीट
मायावती ने आगे कहा कि देश सांस रोके परेशान रहा। आयोग कृप्या सख्ती करे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा पीएम श्री मोदी के कल के भाषण की जांच हेतु कमेटी बनाना अच्छी बात है किन्तु मूल प्रश्न यह है कि आयोग की बिना पूर्व अनुमति के पीएम ने देश के नाम प्रसारण क्यों व कैसे किया जबकि देश में इमरजेन्सी जैसे कोई हालात नहीं थे। यह चुनावी लाभ हेतु सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है। इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर वैज्ञानिकों को बधाई दी थी और चुनाव आयोग से इस संदेश पर कार्रवाई करने की मांग की थी।
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मायावती ने भी दी वैज्ञानिकों को बधाई
उन्होंने लिखा था कि भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में सेटेलाइट मार गिराए जाने का सफल परीक्षण करके देश का सर ऊंचा करने के लिए अनेकों बधाइयां दी हैं। उन्होंने कहा है कि मगर इसकी आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी लाभ के लिए राजनीति करना अति-निंदनीय है। चुनाव आयोग को इसका सख्त संज्ञान जरूर लेना चाहिए।
पीएम मोदी का देश के नाम यह संदेश जांच के घेरे में
चुनाव आयोग इस बात की जांच करेगा कि उपग्रह भेदी मिसाइल के सफल इस्तेमाल की जानकारी देश को देने के लिये पीएम मोदी का संबोधन चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में है या नहीं। आयोग ने इसके लिये एक समिति का गठन किया गया है। आयोग ने वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि का राजनीतिक इस्तेमाल कर चुनावी लाभ लेने के लिये प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करने की विभिन्न दलों की शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच के लिये समिति का गठन किया है। आयोग का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देश को संबोधित करने का मामला आयोग के संज्ञान में लाया गया है। आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच अधिकारियों की समिति गठित कर तत्काल इस तामले की जांच करने का निर्देश दिया।