MeToo: यौन शोषण के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री MJ अकबर का इस्तीफा
Recommended Video
नई दिल्ली। #MeToo मूवमेंट में कई महिलाओं की तरफ से यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि विपक्ष लगातार अकबर पर पद छोड़ने का दवाब बना रही थी। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर 20 से अधिक महिलाओं ने अकबर पर सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है। हालांकि ये आरोप तब के हैं, जब एमजे अकबर की राजनीति में एंट्री नहीं हुई थी। अधिकतर आरोप एमजे अकबर के पत्रकारिता करियर के दौरान उनके साथ काम की हुई महिला पत्रकारों ने लगाए हैं।
इस्तीफे के बाद क्या कहा अकबर ने
एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे। आपको बता दें कि यह पहली बार है, जब मोदी सरकार के किसी मंत्री ने किसी विवाद में घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है। इस्तीफे से पहले अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की थी और फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी रिपोर्ट दी थी।
प्रिया रमानी ने लगाया था पहला आरोप
अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी। रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाएं। अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगाया कि 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थीं और उनके साथ एमजे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की।
अकबर का पत्रकारिता से राजनीति तक का सफर
दैनिक अखबार ‘द टेलीग्राफ' और पत्रिका ‘संडे' के संस्थापक संपादक रहे अकबर 1989 में राजनीति में आने से पहले मीडिया में एक बड़ी हस्ती के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे। अकबर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य अकबर जुलाई 2016 से विदेश राज्य मंत्री थे।