Mehbooba Mufti Pulwama : पूर्व सीएम के गंभीर आरोप, अपराधियों को BJP का संरक्षण, हो रहा धार्मिक प्रोपगैंडा
पुलवामा आतंकी हमले पर महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं। महबूबा ने कहा डीएसपी दविंदर सिंह का नाम लेते हुए कहा, भाजपा क्रिमिनल एलिमेंट्स का संरक्षण कर प्रोपगैंडा करती है।
श्रीनगर, 04 जुलाई : पुलवामा आतंकी हमलों पर महबूबा मुफ्ती (mehbooba mufti pulwama) ने कहा है कि डीएसपी दविंदर सिंह की भूमिका उजागर होने से साफ हो गया है कि भाजपा आपराधिक तत्वों का संरक्षण करती है। उन्होंने कहा,पुलवामा हमले पर सवाल उठे हैं। दविंदर सिंह को रिहा कर दिया गया। महबूबा ने राजस्थान में दर्जी कन्हैयालाल की नृशंस हत्या से भी भाजपा को लाभ होने का दावा किया।
भाजपा अपराधियों के साथ !
महबूबा ने सवाल किया कि पुलवामा में आतंकी हमला कैसे हुआ? इससे किसे फायदा हुआ? पुलवामा हमले से बीजेपी को फायदा होने की बात कहते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, बीजेपी आपराधिक तत्वों को समर्थन और संरक्षण प्रदान करती है। अपने फायदे और प्रचार के लिए ऐसे तत्वों का इस्तेमाल करती है।
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Udaipur Behading से भाजपा को फायदा !
देश में धार्मिक आधार पर हो रही हिंसा और हत्या के संबंध में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, वे (भाजपा) समाज में अराजकता फैलाना चाहते हैं और हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा करना चाहते हैं। जब राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या (Udaipur Behading) हुई, तो हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के खिलाफ हो गए। उन्होंने सवाल किया कि धार्मिक तनाव से किसे फायदा हुआ? खुद जवाब देते हुए महबूबा ने कहा कि तनाव से भाजपा को फायदा होता है।
They (BJP) want to spread chaos in society and create Hindu-Muslim tensions. When Kanhaiya Lal was murdered (in Udaipur, Rajasthan), Hindus and Muslims went against each other. Who benefitted? BJP: PDP chief Mehbooba Mufti, in Srinagar, J&K pic.twitter.com/QJvtI5smlT
— ANI (@ANI) July 4, 2022
कभी साथ रहे भाजपा पीडीपी, अब कड़वे संबंध
बता दें कि महबूबा मुफ्ती जब मुख्यमंत्री बनी थीं तो भाजपा ने उनकी सरकार को समर्थन दिया था। हालांकि, बाद में कड़वाहट बढ़ने के कारण भाजपा ने महबूबा की जम्मू कश्मीर सरकार (पीडीपी और भाजपा) से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 35 और अनुच्छेद 370 के तहत मिलने वाले विशेष प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। इसके लिए भारत की संसद में कानून पारित कराया गया।