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Margaret Alva: उपराष्ट्रपति चुनाव में 'संभावित हार' के बीच दक्षिण भारतीय दांव, जानिए क्या बोलीं ?

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नई दिल्ली, 31 जुलाई: उपराष्ट्रपति चुनाव में कई विपक्षी पार्टियों की साझा उम्मीदवार मार्गेरेट अल्वा ने दक्षिण भारतीय दांव चलने की कोशिश की है। उनका दावा है कि अगर उपराष्ट्रपति के पद पर जगदीप धनकड़ को चुना गया तो देश के शीर्ष पदों से दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने चुनाव से पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के प्रति बहुत ही दरियादिली दिखाते हुए सवाल किया है कि सत्तापक्ष ने उन्हें दोबारा मौका ना देकर दक्षिण भारत को नजरअंदाज करने की कोशिश की है। अल्वा ने उत्तर बनाम दक्षिण का एजेंडा चलते हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की तर्ज पर ही सांसदों से अंतर्रात्मा की सुनकर वोट देने की अपील की है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त को वोट डाले जाएंगे।

उपराष्ट्रपति चुनाव में उत्तर बनाम दक्षिण करने की कोशिश में अल्वा

उपराष्ट्रपति चुनाव में उत्तर बनाम दक्षिण करने की कोशिश में अल्वा

कई विपक्षी पार्टियों की ओर से उपराष्ट्रपति पद की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने चुनाव से एक हफ्ते पहले दक्षिण भारतीय कार्ड चलने की कोशिश की है। उन्होंने मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के बारे में कहा है कि सत्ता पक्ष चाहता तो उन्हें दोबारा उपराष्ट्रपति पद पर बनाए रख सकता था। लेकिन, अब तो देश के सर्वोच्च पदों पर दक्षिण भारत का कोई प्रतिनिधि ही नहीं रह जाएगा। उन्होंने अंग्रेजी अखबार दि हिंदू को एक इंटरव्यू दिया है। गौरतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों का जो अंकगणित है, उसमें फिलहाल संख्या बल उनके पक्ष में नहीं है, पर फिर भी वह भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनकड़ को चुनाव में टक्कर देना चाह रही हैं।

शीर्ष पदों पर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की परंपरा- मार्गेरट अल्वा

शीर्ष पदों पर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की परंपरा- मार्गेरट अल्वा

जब मार्गरेट अल्वा से पूछा गया कि कोई राजनीतिक मुद्दा जिसे वो इस चुनाव में उठाना चाहती हैं ? उनका कहना है कि जब चुनाव लड़ रहे हैं तो हार या जीत तो होना ही है। लेकिन, आप सीधे हथियार तो नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा, 'विपक्ष ने मुझसे ये आग्रह किया कि उनमें से ज्यादातर को लगा कि मैं उनकी बात रख सकूंगी; और मैंने बेझिझक हां कह दिया।' इसके बाद उन्होंने उत्तर-दक्षिण भारत का अपना एजेंडा जाहिर कर दिया। वो बोलीं- 'अब मुझे एक बात बताइए। हमेशा एक परंपरा रही है कि शीर्ष पदों पर विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व रहता है।'

दक्षिण कहां है? हमारा प्रतिनिधि कौन है? -मार्गरेट अल्वा

दक्षिण कहां है? हमारा प्रतिनिधि कौन है? -मार्गरेट अल्वा

इसके बाद उन्होंने कहा, 'मौजूदा व्यवस्था में राष्ट्रपति उत्तर से हैं (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से हैं और वह पूर्वी भारत का हिस्सा है), प्रधानमंत्री उत्तर से हैं (पीएम मोदी गुजरात से हैं और अभी उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं), और अब आपके पास उपराष्ट्रपति भी उत्तर से होंगे। दक्षिण भारत कहीं नहीं है, लोकसभा स्पीकर भी नहीं। मैं जानना चाहती हूं कि दक्षिण को क्यों नजरअंदाज किया गया है।' इसके बाद उन्होंने उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू को दूसरा टर्म नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है, 'श्री वेंकैया नायडू को एक और कार्यकाल क्यों नहीं दिया जा सकता था? उन्हें दूसरा टर्म दिया जा सकता था। वह इतने प्रतिष्ठित व्यक्ति रहे हैं, अपनी पार्टी के बहुत वफादार नेता रहे हैं और दक्षिण में बहुत ही सम्मानित हैं। उन्हें दूसरा कार्यकाल क्यों नहीं ? पूरे सेटअप में दक्षिण कहां है? हमारा प्रतिनिधि कौन है?'

'दक्षिण भारत के सांसदों के लिए फैसला लेने का समय'

'दक्षिण भारत के सांसदों के लिए फैसला लेने का समय'

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि दक्षिण भारतीय राज्य विकसित हैं। हमने अपनी आबादी घटाई है। हमनें टैक्स के जरिए इतना योगदान दिया है। लेकिन, अब कहा जा रहा है कि परिसीमन होगा, जिससे संसद में दक्षिण की सीटें घट जाएंगी। उनके मुताबिक, 'यह सभी दक्षिण भारतीय राज्यों के लिए चिंता की बात है। मेरा मतलब है कि संसद में हमारी संख्या घट जाएगी। हमारे पास शीर्ष स्तर पर कोई प्रतिनिधि नहीं है। तो क्या होने जा रहा है? दक्षिण भारत के सांसदों को फैसला करने और एक संदेश देने का समय है: उन्हें सुने जाने की आवश्यकता है।'

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'यह देश के सभी हिस्सों के प्रतिनिधित्व का सवाल है

'यह देश के सभी हिस्सों के प्रतिनिधित्व का सवाल है

जब उनसे सवाल किया गया कि वह संवैधानिक पदों पर क्षेत्रीयता जैसे मुद्दों को क्यों घुसा रही हैं ? इसपर उनका जवाब था, 'यह क्षेत्रवाद का प्रश्न नहीं है, यह देश के सभी हिस्सों के प्रतिनिधित्व का सवाल है।' इसके साथ ही उन्होंने भी राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा की तरह सभी सांसदों से अंतर्रात्मा के आधार पर वोट देने की अपील की है।

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English summary
Margaret Alva, the common candidate of many opposition parties in the Vice Presidential election, has tried to play South Indian card
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