अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में शुक्रवार को चर्चा, भाजपा ने जारी किया व्हिप
नई दिल्ली। संसद का आज से मॉनसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत ही हंगामेदार रही। टीडीपी के सांसद सुबह से ही आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। वहीं सदन के भीतर कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मॉब लिंचिंग और स्वामी अग्निवेश पर हमले को लेकर हंगामा किया। इसके बाद विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव आया, जिसे लोकसभा स्पीकर ने स्वीकर कर लिया। मॉनसून सत्र में जहां कई मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है तो सरकार कई अहम बिल इस सत्र में पास कराना चाहती है।
सुमित्रा महाजन पर रहेगी नजर
बहरहाल आज हर किसी की नजर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन पर होगी कि क्या वह अविश्वास प्रस्ताव को मंजूर करेंगी। इससे उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था, जिसकी वजह से उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। हालांकि इसके पीछे उन्होंने दलील दी थी कि उनके प्रस्ताव को इसलिए नहीं स्वीकार किया जा सकता है क्योंकि अभी सदन की कार्रवाई नहीं चल रही है, यह वजह थी जिसके चलते सदन की कार्रवाई अंतिम दिनों में नहीं चल सकी थी।
मजबूत स्थिति में भाजपा
पिछले कुछ समय में जिस तरह से भाजपा को कई उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है, उसकी वजह से पार्टी की संसद में ताकत घटी है, लेकिन बावजूद इसके अभी भी उसके पास 273 सांसद हैं, लिहाजा अभी भी भाजपा सदन में बहुमत में है। इसके साथ ही भाजपा के पास कई सहयोगी दलों का भी समर्थन है, जिसकी वजह से पार्टी को कुछ खास मुश्किल नहीं होनी चाहिए। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यह देखना होगा कि क्या सरकार हमारी बात मानती है या फिर गतिरोध का कायम रखती है।
दोनों सदनों में कांग्रेस का हल्लाबोल
वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐलान किया है कि उनके पास 15 दलों का समर्थन है जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। आजाद ने कहा कि बैठक के दौरान सभी 12 दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का समर्थन किया है, जबकि चार अन्य दलों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा। सत्ताधारी दल सदन की कार्रवाई चलाने का इच्छुक नहीं है, सरकार के पास हमारे सवालों का जवाब नहीं है।