मालेगांव ब्लास्ट: साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित से मकोका और आर्म्स एक्ट हटे, मुकदमा चलता रहेगा
मालेगांव ब्लास्ट: साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित से मकोका और आर्म्स एक्ट हटे, मुकदमा चलता रहेगा
नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा, रमेश उपाध्याय, अजय राहीकर और कर्नल पुरोहित को कोर्ट ने राहत दी है। एनआईए की विशेष अदालत ने इस सभी को मकोका, आर्म्स एक्ट और यूएपीए के सेक्शन 13, 17 और 20 से मुक्त कर दिया है। साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पिरोहित के खिलाफ यूएपीए के सेक्शन 18 के तहत जांच चलती रहेगी, दोनों पर 120बी, 302, 307, 304, 326, 427, 153ए और साजिश का धाराओं में भी मुकदमा चलता रहेगा। सभी आरोपी पहले से ही जमानत पर हैं, कोर्ट ने सभी की जमानत को जारी रखा है। जमानत राशि और बॉन्ड एनआईए अदालत की ही जारी रहेंगी। मामले की अगली सुनवाई स्पेशल एनआईए कोर्ट मुंबई में 15 जनवरी को करेगी।
साध्वी को साजिश के आरोपों से मुक्त नहीं किया जा सकता: कोर्ट
कोर्ट ने आज कहा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह को षड्यंत्र के आरोपों से मुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्हें साजिश के लिए इस्तेमाल की जा रही मोटरसाइकिल के बारे में पता था। आपको बता दें कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में अंजुमन चौक पर हुए बम धमाके में सात लोगों की मौत हुई थी और 100 लोग जख्मी हुए थे। धमाका एक मोटरसाइकिल में रखे बम से हुआ था। इस संबंध में आजाद नगर पुलिस थाने में हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश के साथ यूएपीए के तहत मामला दर्ज हुआ था। बाद में जांच एटीएस को सौंप गई तो एटीएस ने मोटरसाइकिल की चैसिस नंबर से मिले सुराग के आधार पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया। इसके बाद स्वामी दयानंद पांडे, मेजर रमेश उपाध्याय और कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित कुल 11 को गिरफ्तार किया। एटीएस ने 21 जनवरी 2009 को पहला आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 11 गिरफ्तार और 3 फरार आरोपी दिखाए गए।
एटीएस के बाद एएनआईए ने की जांच
एटीएस से इस केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई। एनआईए ने 31 मई 2016 को नई चार्जशीट फाइल की, जिसमें रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी दयानंद पांडे, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया गया। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिव नारायण कालसांगरा, श्याम भवरलाल साहू, प्रवीण टक्कलकी, लोकेश शर्मा, धानसिंह चौधरी के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक पुख्ता सबूत नहीं होने का दावा किया।
सभी आरोपी हैं जमानत पर
इस मामले में सबी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। 15 अप्रैल, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका को हटा दिया था। 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी थी। सभी की जमानत को जारी रखने का भी आज कोर्ट ने फैसला दिया है।
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