महुआ मोइत्रा ने आधार संसोधन बिल का किया विरोध, बताया- यह घोड़े से पहले गाड़ी खरीदना जैसा
नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पहला संसद सत्र चल रहा है। गुरुवार को निचले सदन में सरकार की ओर से आधार संशोधन बिल पर चर्चा हुई। इस दौरान टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने इस आधार बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, सरकार ने मोटे तौर पर अपारदर्शी नियमों पर महत्वपूर्ण खंड लगाए हैं, जिनमें से कहीं मौजूद ही नहीं हैं। महुआ ने कहा कि, बिल में 11 से अधिक जगहों पर, कहा गया है कि, 'इन नियमों के अनुसार'। ये नियम क्या हैं? इन्हें नागरिक को स्पष्ट रूप से क्यों नहीं बताया और समझाया गया है।
महुआ मोइत्रा ने आधार बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि आज मैं अपना प्राइवेट डाटा आधार के जरिए किसी प्राइवेज एजेंसी के हाथों में दे रही हूं तो इसका मतलब आपका ईकोसिस्टम फेल हो गया। आधार का संपूर्ण विचार एक यूनिक 12-अंकीय संख्या के साथ आना था। संसोधन बिल का आइडिया एक वैकल्पिक वर्चुअल आईडेंटिटी बनाने का है, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करने का एक तरीका है।
उन्होंने कहा कि आज गोपनीयता और सुरक्षा का कोई मानक नहीं है। कोई डेटा सुरक्षा अधिनियम नहीं है। डेटा सुरक्षा के अभाव में आप मुझसे निजी एजेंसी को अपनी जानकारी देने के लिए कैसे कह सकते हैं? यह विधेयक का अभिन्न अंग है। यह ठीक वैसा है जैसे कि घोड़े से पहले गाड़ी खरीदना। आधार बिल का उद्देश्य योजना के मूल विचार को हराना है।
वहीं कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आधार बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कहा कि सरकार अध्यादेश का रास्ता अपना कर संसदीय लोकतंत्र को ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में हर 10 में 4 बिल अध्यादेश के जरिए लाए जा रहे हैं। चौधरी ने कहा कि आधार का करिश्मा आप ना बताएं, आपने आधार को हमसे उधार लिया है और इसी के जरिए अपना आधार बना रहे हैं।
डीबीटी कांग्रेस सरकार की देन हैं, आप हम से ही सबकुछ ले रहे हैं। रविशंकर प्रसाद को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि आप कैसे बिल बना रहे हैं जिससे निजता के मूलभूत अधिकार के हनन के लिए आपको फटकार खानी पड़ी है।
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