अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच आज MVA की बड़ी बैठक, महाराष्ट्र लेटर विवाद पर 10 बड़े अपडेट
अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच आज MVA की बड़ी बैठक, महाराष्ट्र लेटर विवाद पर अब तक के 10 बड़े अपडेट
मुंबई: महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी की सरकार एंटीलिया केस और गृहमंत्री अनिल देशमुख के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच अस्थिर दिख रही है। महाराष्ट्र की राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बताया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख एंटीलिया केस में गिरफ्तार सचिन वाजे (मुंबई पुलिस का पूर्व अधिकारी) को 100 करोड़ की वसूली का टारगेट दिया था। इसके बाद से अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। महा विकास अघाड़ी की सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार ने रविवार को ये जानकारी दी थी कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे को लेकर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे। शरद पवार ने बताया कि सोमवार (22 मार्च) को गठबंधन दलों के नेताओं की दिल्ली में बैठक है। संभव है कि बैठक में अनिल देशमुख को लेकर अहम फैसला किया जाएगा। आइए जानिए इस केस में अब तक के 10 बड़े अपडेट।
1.एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए रविवार (21 मार्च) को कहा, "अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए इन आरोपों के समय पर गौर किया जाना चाहिए। अभी ही ऐसा क्यों? परमबीर सिंह ने तबादला होने के बाद ये सारे आरोप लगाए हैं। सरकार ने जब परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर हटाकर होमगार्ड में भेजा तो उन्होंने गंभीर आरोप लगा दिए। ये आरोप पुलिस कमिश्नर रहते क्यों नहीं लगाए गए।''
2. शरद पवार ने कहा, "गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि गृह मंत्री ने पुलिस को 100 करोड़ वसूली करने का निर्देश दिया था। पैसे के वास्तविक लेन-देन की कोई जानकारी नहीं है। गृह मंत्री या उनके कर्मचारियों को हस्तांतरित किए जा रहे किसी भी पैसे की कोई जानकारी नहीं है।"
3. राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने का सुझाव देंगे। इसलिए मैं उनको ऐसे अधिकारी से जांच करवाने की सलाह दूंगा जिनकी निष्ठा अच्छी हो। शरद पवार ने पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो का नाम सुझाया था। उन्होने कहा, जूलियो रिबेरो की विश्वसनीयता ऐसी है कि कोई भी उनकी जांच को बाधित या प्रभावित नहीं कर सकता है।
4. अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर महा विकास अघाड़ी गठबंधन में दरार का संकेत मिले रहे हैं। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि परमबीर सिंह के ईमेल को देखकर लगता है कि ये किसी और बोलने पर किया गया है। अनिल देशमुख को हटाने का सवाल ही नहीं होता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री द्वारा कड़ा रुख अपनाने का फैसला करने के बाद पत्र परमबीर सिंह ने लिखा है। ये बस एक एजेंडा है।
5. शरद पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे (विपक्ष) असपळ साबित होंगे। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह के आरोपों के कारण महा विकास अघाड़ी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और ये पांच साल पूरे करेगा।
6. भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अनिल देशमुख के तत्काल इस्तीफे या हटाने की मांग की है। रविवार को बीजेपी ने नागपुर, मुंबई और पुणे में विरोध प्रदर्शन किया। बिहार में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अगर गृह मंत्री (महाराष्ट्र) का लक्ष्य 100 करोड़ था, तो अन्य मंत्रियों का क्या लक्ष्य था।"
7. हाल ही में मुंबई केपुलिस कमिश्नर पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक ईमेल के जरिए पत्र भेजा है। जिसमें दावा किया है कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे सहित कई पुलिस अफसरों को वसूली के लिए टारगेट देते थे। अनिल देशमुख सचिन वाजे सहिए कई पुलिस अधिकारियों को हर महीने 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देते थे।
8. परमबीर सिंह ने पत्र में ये भी आरोप लगाए हैं कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कई मौकों पर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कैसे मामलों और आरोपों को दर्ज किया जाए, उन्हें और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार किया जाए।
9. अनिल देशमुख ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि परमबीर सिंह ने उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश के तहत ये सब किया है। उन्होंने कहा है कि वो परमबीर सिंह पर मानहानि का केस करेंगे।
10. इस महीने के शुरू में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटक से भरी कार से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के गिरफ्तार होने के बाद परमबीर सिंह को होमगार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था। ऐसे आरोप हैं कि सचिन वाजे विस्फोटकों से भरी एसयूवी के मालिक माने गए एक व्यक्ति मनसुख हिरेन की मौत मामले में आरोपी हैं।
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