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सियासत के शतरंजी खेल में अमित शाह ने एक बार फिर किया विरोधियों को चित

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नई दिल्ली। राजनीति का खुद को पंडित कहने वालों को आज महाराष्ट्र की राजनीति में हुए फेरबदल का कतई अंदाजा नहीं रहा होगा। जिस तरह से भाजपा ने अजीत पवार की मदद से प्रदेश में सरकार का गठन सुबह होते ही कर दिया उसने तमाम राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश के सियासी घटनाक्रम पर शुरुआत में खुद एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए अमित शाह को चुनौती दी थी। लेकिन प्रदेश में सरकार का गठन करके अमित शाह ने एक बार फिर से साबित किया है कि आखिर क्यों उन्हें भारतीय राजनीति का चाणक्य कहा जाता है।

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रातोरात बदल दी तस्वीर

रातोरात बदल दी तस्वीर

महाराष्ट्र में चुनाव के नतीज 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे, जिसके बाद राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन भाजपा ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया और कहा कि हमारे पास नंबर नहीं है। उसके बाद से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस लगातार सरकार बनाने के लिए बैठकें कर रहे थे। यहां तक कि शुक्रवार रात को तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई और कहा गया है सरकार का गठन होगा। लेकिन रातोरात महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।

शरद पवार चित्त

शरद पवार चित्त

जिस तरह से एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस सरकार गठन के लिए लगातार बैठकें कर रही थीं और भाजपा महज दर्शक बनी हुई थी, उसके बाद हर किसी के मन में यह सवाल उठ रहा था कि क्या अमित शाह इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रहेंगे। यहां तक कि शरद पवार ने भी कहा था कि अमित शाह को उन प्रदेशों में सरकार बनाने के लिए जाना जाता है जहां भाजपा के पास नंबर ना हो, मैं यह देखना चाहता हूं कि वह महाराष्ट्र में अपनी क्षमता का कैसे इस्तेमाल करते हैं। हालांकि महाराष्ट्र में भाजपा ने सरकार का गठन कर लिया है, लेकिन इस उलटफेर के साथ ही महाराष्ट्र ने राजनीति के तीन बड़े सबक भी दिए हैं।

भाजपा का भ्रष्टाचार के खिलाफ रवैया उजागर हुआ

भाजपा का भ्रष्टाचार के खिलाफ रवैया उजागर हुआ

भारतीय जनता पार्टी शुरुआत से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का दंभ भरती आई है और उसने हर मंच पर कहा है कि वह भ्रष्टाचार का किसी भी तरह से समर्थन नहीं करेगी। यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना खाऊंगा और ना खानने दूंगा का नारा दिया था। लेकिन अजीत पवार के समर्थन से जिस तरह से भाजपा ने प्रदेश में सरकार का गठन किया है उसने भाजपा के इस दावे की पोल खोल दी है।

तमाम आरोपों से घिरे अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया

तमाम आरोपों से घिरे अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया

अजीत पवार पर सिंचाई घोटाले का आरोप है। मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि अरबों रुपए के घोटाले अजीत पवार की भूमिका को स्पष्ट करें। ऐसे में अजीत पवार के साथ हाथ मिलाकर भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की पोल खुलती नजर आ रही है। जिस तरह से अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है उसके बाद भाजपा एक बार फिर से कटघरे में है।

कांग्रेस बेनकाब

कांग्रेस बेनकाब

कांग्रेस खुद को सेक्युलर पार्टी होने का दावा करती रही है। लेकिन जिस तरह से कट्टर हिंदुत्व की समर्थक शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस राजी हुई उसने उसकी सोच और विचारधारा को भी लोगों के सामने उजागर कर दिया है। प्रदेश में कांग्रेस के स्टैंड के उजागर होने के बाद उसे चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने के अपने फैसले का कैसे बचाव करेगी। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी कहा कि जो शिवसेना अपनी हिंदुत्व की विचारधार को छोड़ने के लिए तैयार थी, उसने पार्टी की सत्ता लोलुपता को उजागर कर दिया है।

विचारधारा पर सवाल

विचारधारा पर सवाल

महाराष्ट्र के राजनीति में जो बड़ा उलटफेर हुआ है उसके बाद बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या किसी भी दल की कोई विशेष विचारधारा है। एक तरफ जहां कट्टर हिंदुत्ववादी पार्टी शिवसेना कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के तैयार हो गई, कांग्रेस खुद अपनी सेक्युलर छवि को छोड़ शिवसेना के साथ हाथ मिलाने को तैयार हुई, उसने विचारधारा की राजनीति की पोल खोल दी है।

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English summary
Maharashtra: Amit Shah once again proved why he is Chanakya of Indian politics.
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