Maharashtra:आदित्य ठाकरे बोले- 40 गद्दारों ने हमसे धोखा किया, वे हमारे सिद्धांतों को नहीं छीन सकते
Maharashtra:आदित्य ठाकरे फूंटा गुस्सा, बोले -गद्दारों ने दिखा दिया कि राजनीति कितनी गंदी हो सकती है
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत करने के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई। इतना ही पार्टी के दो गुट उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की लड़ाई में बालठाकरे की शिवसेना ने अपनी चुनाव निशान भी गवां दिया है। हालांकि उद्धव ठाकरे की पार्टी को नाम के साथ मशाल चुनाव चिन्ह मिल चुका है। वहीं अब बाला ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे शिंदे ग्रुप पर फायर होते हुए अपनी भड़ास निकाली है।
आदित्य ठाकरे ने 10 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन के 80 वें जन्मदिन के मौके पर "बिगबी"की पॉपुलर फिल्म अग्निपथ की वर्तमान राजनीतिक स्थिति की तुलना की है। उन्होंने कहा अमिताभ बच्चन की एक फिल्म है जो इसे परिभाषित कर सकती है वो है 'अग्निपथ'। राजनीति में चीजों को साफ करना आप पर निर्भर है। आपको अपने रास्ता साफ करना होता है।
वो हमारे सिद्धांतों को नहीं छीन सकते
शिंदे के साथ गए विधायकों के प्रति अपना गुस्सा जताते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा राजनीति घृणित है, लेकिन वास्तव में जिस चीज ने हमें प्रभावित किया है, वह ये है कि इन 40 गद्दारों ने हमसे धोखा किया और पार्टी छीनने की कोशिश की। उन्होंने कहा लेकिन वो हमारे सिद्धांतों को नहीं छीन सकते। इन गद्दारों ने दिखा दिया कि राजनीति कितनी गंदी हो सकती है। उन्होंने जो किया वो शिवसेना ही नहीं बल्कि लोकतंत्र को धोखा है।
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया
महाराष्ट्र में ठाकरे सेना बनाम शिंदे विवाद के बीच आदित्य ठाकरे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उनके पिता उद्धव ठाकरे के गुट को मशाल पार्टी चुनाव मिल चुका है। बता दें मशाल का निशान मिलने के बाद शिवसेना पार्टी का दावा करने वाली ठाकरे-शिंदे की लड़ाई समाप्त हो गई है। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया है वहीं एकनाथ शिंदे को बालासाहेबची शिवसेना नाम मिला।
जानिए
आदित्य
ने
किन
40
विधायकों
का
किया
है
जिक्र
बता
दें
एकनाथ
शिंदे
और
उनके
गुट
के
विधायकों
के
विद्रोह
के
बाद
महाराष्ट्र
में
शिवसेना,
एनसीपी
और
कांग्रेस
की
महा
अघाड़ी
सरकार
गिर
गई
थी।
इसकी
वजह
थी
ने
एकनाथ
शिंदे
ने
ठाकरे
के
नेतृत्व
के
खिलाफ
विद्रोह
कर
दिया
था,
शिवसेना
के
55
विधायकों
में
से
40
और
लोकसभा
में
इसके
18
सदस्यों
में
से
12
के
समर्थन
का
दावा
किया
था।
जिसके
बाद
उद्धव
ठाकरे
ने
इस्तीफा
दे
दिया
था।
वहीं
एकनाथ
शिंदे
ने
भाजपा
के
समर्थन
से
महाराष्ट्र
में
सत्ता
हासिल
कर
ली
थी
और
शिंदे
मुख्यमंत्री
बने
और
भाजपा
नेता
देवेंद्र
फणडवीस
उपमुख्ममंत्री
बने।
हम
उनके
हैं
और
वे
हमारे
थे
एकनाथ
शिंदे
गुट
के
बागी
विधायकों
को
टॉरगेट
करते
हुए
कहा
हम
उनके
हैं
और
वे
हमारे
थे।
एक
अलग
तरह
का
रिश्ता
था
जिन
पर
हम
भरोसा
कर
सकते
थे।
उनके
द्वारा
विश्वासघात
ने
हमें
सिखाया
है
कि
मानवता
कुछ
में
मानवता
मौजूद
है
लेकिन
कुछ
में
घृणित
हो
सकता
है।
हमारे
लिए
यह
लड़ते
रहना
और
जीतते
रहना
है।