मध्य प्रदेश चुनाव में पारदर्शिता को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, अगले हफ्ते सुनवाई
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को मद्देनजर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता की मांग को लेकर ये याचिका दायर की है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते सुनवाई का फैसला किया है। कमलनाथ की ओर से दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिए जाएं कि वह यह सुनिश्चित करे वीवीपैट और ईवीएम पर पड़े वोट आपस में मेल खाएं।
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'हर निर्वाचन क्षेत्र में 10 फीसदी मतदान केंद्रों का सत्यापन किया जाए'
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। इसी के मद्देनजर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में 10 फीसदी मतदान केंद्रों का सत्यापन किया जाए। उन्होंने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट मशीन के यादृच्छिक सत्यापन (Random Verification) के निर्देश दें। साथ ही उन्होंने वोटर लिस्ट टेक्स्ट फॉर्मेट उपलब्ध कराने की भी अपील की है।
'याचिका में की ईवीएम और वीवीपैट मशीन के सत्यापन की मांग'
दरअसल कांग्रेस कांग्रेस और दूसरी पार्टियां लगातार ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही हैं। पूरे मामले पर देश की 17 राजनीतिक पार्टियों ने निर्वाचन आयोग को एक संयुक्त पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि, आयोग 2019 का चुनाव बैलेट पेपर से कराए। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से कई बार स्पष्ट किया गया है कि ईवीएम में किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।
जानिए क्या है VVPAT
बता दें कि वीवीपैट मशीन के जरिए वोटर को तुरंत पता चल जाता है कि उन्होंने किस उम्मीदवार को वोट किया है। मतदान के बाद इस मशीन से एक स्लिप निकलती है, जिसमें जिस कैंडिडेट को मतदाता ने वोट किया है उनका नाम 7 सेकेंड के लिए नजर आता है, इसके बाद ये स्लिप ड्राप बॉक्स में चला जाता है। ये मशीन अधिकारियों द्वारा खोली जा सकती है लेकिन मतदाता इसे एक्सेस नहीं कर सकते हैं।