समाज में जन्म से ही ब्राहम्णों का उच्च स्थान होता है: लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला
नई दिल्ली। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जिस तरह से ब्राह्मणों जाति को लेकर बयान दिया है उसके बाद से वह चर्चा में आ गए हैं। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान बिड़ला ने कहा कि ब्राह्मण जन्म से ही समाज में उच्च सम्मान हासिल करते हैं, उन्हें यह स्थान उनके त्याग और तपस्या की वजह से मिलता है। ओम बिड़ला अपने इस बयान से सुर्खियों में आ गए हैं और विपक्षी उनके इस बयान की वजह से उनपर निशाना साध रहे हैं।
ब्राह्मण उच्च वर्ग के
राजस्थान के कोटा में अखिल ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम में बोलते हुए ओम बिड़ला ने कहा कि ब्राह्मण समामज हमेशा संपर्ण समाज को मार्गदर्शन देते हुए काम करता है। आज वर्तमान समय के अंदर भी, एक गांव एक आदमी में एक ब्राह्मण परिवार भी रहता है तो वह ब्राह्मण परिवार अपने समर्पण और सेवा के कारण उशका हमेशा उच्च स्थान होता है, और इसलिए इस समाज में पैदा होने के साथ ही आपका सम्मान, संपूर्ण समाज में उच्च रूप से होता है।
बयान को ट्वीट किया
यही नहीं ओम बिड़ला ने अपने इस बयान को सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर ट्वीट भी किया है। उनके इस बयान की कई लोगों ने आलोचना भी की है, कुछ लोगों ने कहा है कि ओम बिड़ला को अपने पद का सम्मान करना चाहिए, वह लोकसभा के स्पीकर हैं और इतने उच्च पद पर रहते हुए उन्हें इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता है। राजस्थान में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने कहा कि ओम बिड़ला को अपना बयान वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक विशेष समुदाय को समाज में उच्च घोषित करना संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है।
अधिकतर शिक्षक ब्राह्मण
ओम बिड़ला ने कहा कि हमारे देश में आप पाएंगे कि अधिकतर शिक्षक ब्राह्मण समुदाय से हैं। ओम बिड़ला युवक युवती परिचय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए थे जोकि ब्राह्मण समुदाय के लड़को और लड़कियों के लिए वर और वधु के तलाश के लिए आयोजित किया गया था। इस दौरान बिड़ला ने कहा कि अगर हम समाज को एक सूत्र में बांधना चाहते हैं तो इसके लिए आज के दौर में एक विशेष प्रबंध है, जैसे कि हमारे पूर्वज शादी के लिए एक दूसरे से संबंध बनाते थे उसी तरह से आज हम परिचय सम्मेलन करते हैं। अगर हमे समाज को बचाना है तो इसके लिए यह एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि वेबसाइट के जरिए, मैरिज ब्रोकर के जरिए शादियां हो रही हैं, लेकिन पहले शादी नहीं टूटती थी।
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