सर्वे में खुलासा, युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है बीजेपी, दूसरे दल हैं काफी पीछे
एक साल पहले सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) ने कोनराड एडेन्यूर स्टीफटुंग (केएएस) के साथ मिलकर एक सैंपल सर्वे अध्ययन किया गया। इसमें ये आंकड़ें सामने आए...
नई दिल्ली। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सत्ता संभाल रही भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता देश के युवाओं में बढ़ रही है? इस सवाल की पड़ताल के लिए साल 2016 में लोकनीति सीएसडीएस केएएस ने एक सर्वे किया। इस सर्वे में खास फोकस युवाओं पर रहा। देश के युवाओं से कई मुद्दों पर सवाल किए गए, इनमें सियासी दलों की लोकप्रियता से जुड़ा सवाल भी शामिल था, आखिर इस पर युवाओं का क्या सोचना था, पढ़िए आगे...?
सीएसडीएस-केएएस सर्वे में खुलासा
एक साल पहले सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) ने कोनराड एडेन्यूर स्टीफटुंग (केएएस) के साथ मिलकर एक सैंपल सर्वे अध्ययन किया गया। इसमें भारतीय युवाओं को खास तौर से फोकस किया गया। देश में युवा आबादी करीब 65 फीसदी मानी जा रही है। इस सर्वे में 15 से 34 वर्ष के उन्हीं युवाओं से बात की गई। उनसे राजनीतिक मुद्दों समेत कई जरूरी सवाल किए गए। इस सर्वे में 2007 के सर्वे से काफी अलग स्थिति देखने को मिली। आखिर युवाओं से क्या सवाल किए गए और उनकी इस प्रतिक्रिया क्या रही पढ़िए आगे...
सियासी पसंद: बीजेपी सबसे लोकप्रिय पार्टी
2016 में कराए गए सर्वे देश के युवाओं में भाजपा को लेकर लोकप्रियता में काफी इजाफा देखने को मिला। सर्वे में हर पांच में से एक युवा की पसंद भारतीय जनता पार्टी थी। वहीं कांग्रेस की बात करें तो हर 10 में से एक युवा को कांग्रेस पार्टी पसंद थी। सर्वे में आधे युवाओं ने राजनीतिक पार्टी से जुड़ाव की बात कही। वहीं 48 फीसदी युवाओं ने कहा कि उन्हें कोई राजनीतिक पार्टी पसंद नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक 20 फीसदी युवा आबादी को भाजपा पसंद थी। वहीं 10 फीसदी को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी को 4 फीसदी युवाओं ने पसंद करने की बात कही, महज दो फीसदी युवाओं को वामदल पसंद थे।
चिंता और असुरक्षा
80 फीसदी युवा ज्यादा चिंतित या असुरक्षित महसूस करते हैं। युवा भारतीयों में चिंता की वजह माता-पिता की सेहत, पारिवारिक समस्या, नौकरी और परिवार की संस्कृति को बनाए रखने जैसे मुद्दे हैं। युवाओं के बीच सर्वे में कई मुद्दों पर सवाल किए गए इसमें 41 फीसदी युवाओं ने माना कि शादीशुदा महिलाओं को काम नहीं करना चाहिए। 43 फीसदी पुरुषों के मुताबिक पुरुष ज्यादा अच्छे नेता बन सकते हैं। 51 फीसदी ने माना कि पत्नियां अपने पतियों की सुनती हैं.। सर्वे में पता चला है कि 5 में से 3 युवा अच्छे और स्टाइलिश कपड़े पहनना पसंद करते हैं। उन्हें अच्छे फुटवियर भी पसंद है। युवाओं में नए मोबाइल रखने का भी शौक है।
विवाह अब ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं रहा
2016 में 46 फीसदी युवा शादीशुदा थे। 2007 के आंकड़े देखें तो उस समय स्थिति 54 फीसदी पर थी। 2016 में विवाह को लेकर पूछे गए सवाल पर महज आधी युवा आबादी ने इसे जरूरी बताया। 2007 में ये आंकड़ा 80 फीसदी था। 2016 में शादीशुदा युवाओं में सबसे ज्यादा 84 फीसदी युवाओं ने अरेंज मैरिज किया। इंटरकास्ट शादी की बात करें तो आंकड़ा 50 फीसदी के करीब रहा, जबकि 2007 में ये आंकड़ा 30 फीसदी के आसपास था।
2016 में कराया गया सर्वे
2016 के लोकनीति सीएसडीएस केएएस सर्वे में पता चला है कि हर तीसरा युवा बहुत ज्यादा धर्मिक था। सर्वे में 12 फीसदी युवाओं ने खुद को ज्यादा धार्मिक, 36 फीसदी युवाओं ने खुद को कम धार्मिक तो वहीं 25 फीसदी युवाओं सामान्य धार्मिक करार दिया। सर्वे में बेरोजगारी को लेकर और नौकरी के आंकड़ों को लेकर युवाओं से सवाल किया गया तो युवाओं की पहली पसंद सरकारी नौकरी ही रही। 19 फीसदी युवाओं ने स्वरोजगार या कारोबार की बात कही। महज 7 फीसदी युवाओं ने प्राइवेट सेक्टर में जॉब को प्राथमिकता दी।